Deoria News: देवरिया के पथरदेवा स्थित आस्था हास्पिटल जिसका संचालक डा माया देवी करती है जहां डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही के चलते प्रसूता की जान खतरे में आई गई ।आस्था हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने ऑपरेशन के दौरान महिला के बच्चेदानी पर टांका लगाते समय पेशाब की नली भी सील कर दिया। जिससे महिला के किडनी और बच्चेदानी में संक्रमण फैल गया।
गोरखपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में महिला का इलाज चल रहा है जहां महिला जीवन-मौत से संघर्ष कर रही है। महिला के ससुर रामसागर पटेल ने सीएमओ को शिकायती पत्र देकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
जानकारी के मुताबिक,पूरा मामला बीते 19 जनवरी 2024 को बघौचघाट थाना क्षेत्र के मुंडेरा (पांडेयपुर) गांव की रहने वाली संध्या देवी (30) पत्नी अजय पटेल को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने पथरदेवा के एक प्राइवेट अस्पताल पर भर्ती कराया। यहां पर डॉक्टरों ने महिला का आपरेशन कर नवजात बच्ची को गर्भ से बाहर निकाला।
वही अस्पताल में महिला को 27 जनवरी तक एडमिट रखा गया। इस दौरान महिला को पेशाब संबंधी दिक्कत होने लगी। कुछ दिनों बाद पेशाब रूक गई। जब महिला की हालत गंभीर हो गई तो अस्पताल संचालक डा माया देवी व जिम्मेदारो द्वारा उसे जबरदस्ती डिस्चार्ज कर दिया।
जिसके बाद 28 जनवरी 2024 को परिजनों ने महिला को मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में भर्ती कराया। जहा उसका काफी दिनों तक इलाज चला लेकिन परेशानी दूर नहीं हुई। इसके बाद परिवार वाले महिला को तारामंडल स्थित एक प्राइवेट अस्पताल लेकर पहुंचे। जहा पर डॉक्टरों ने महिला की जांच कराई तो क्रिएटिनिन लेवर खतरनाक स्तर तक पहुंचा मिला और अल्ट्रासोनो ग्राफी से पता चला कि महिला के बच्चेदानी व किडनी में संक्रमण फैल गया है।
आनन-फानन में डॉक्टरों ने महिला का दोबारा ऑपेरशन किया। डॉक्टरों ने पाया कि प्रसव के समय ऑपरेशन के दौरान बच्चेदानी में टांका लगाते समय पेशाब की नली को भी सिल दिया गया है जिससे पेट के आंतरिक अंगों में संक्रमण फैल गया, डॉक्टरों ने इसकी जानकारी महिला के परिजनों को दी।
पूरी जानकारी मिलने के बाद 18 मार्च 2024 दिन सोमवार को परिजनो ने सीएमओ को पत्र देकर अस्पताल संचालक डा माया देवी और संबंधित डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
वही शिक़ायत मिलते ही सीएमओ ने तीन सदस्यीय टीम गठत करते हुए आस्था हॉस्पिटल पथरदेवा से मांगी गई रिपोर्ट में अस्पताल का पंजीकरण, ओटी, एनेस्थीसिया, बाल रोग डॉक्टर व सर्जन की योग्यता व ऑपरेशन संबंधी अन्य जानकारी मांगी गई है।
जानकारी के अनुसार आप को बता दे की सीएमओ कार्यालय ने बुधवार को आरोपी आस्था अस्पताल की पंजीकरण संबंधी फाइल खंगालना शुरू कर दिया है। जांच पड़ताल में पता चला कि संबंधित अस्पताल के पास केवल ओपीडी व आइपीडी का ही रजिस्ट्रेशन है। ऐसे में ऑपरेशन करना पूरी तरह से गैर कानूनी है। इस पर विभाग जल्दी ही शिकंजा कसने वाला है।
गोरखपुर के एक अस्पताल में भर्ती संध्या देवी की हालत बुधवार को ज्यादा नाजुक हो गई, आनन -फानन में महिला का डायलिसिस किया गया। महिला के पति अजय ने बताया कि संध्या की दोनों किडनी पूरी तरह से फेल हो गई है। अभी तक बीस से पच्चीस बार तक डायलिसिस किया जा चुका है। दस लाख से अधिक रूपए खर्च हो गए हैं। जो खेत था उसे भी गिरवी रख दिया गया है।