देवरिया टाइम्स।कालाजार रोग से बचाव हेतु कीटनाशक दवा एस पी 5% का प्रथम चरण का छिड़काव हडसन पम्प से करने हेतु मंगलवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भटनी पर एक स्कवायड (छ: लोग), आशा, आशा संगिनी को प्रशिक्षण दिया गया है।
कालाजार रोग के लक्षण
1–15 दिनों से रूक–रूक कर बुखार आ रहा है।
2–शरीर का वजन कम हो रहा है।
3– भूख में कमी हो रही है।
- पेट काफी बढ़ रहा हो ।
कालाजार रोग बालू मक्खी के काटने से फैलता है । यह मक्खी घरों की दीवारों में दरार वाली जगह छिप जाती हैं, घास — फूस के बने झोपड़ी में भी बालू मक्खी छिप जाती हैं। एस पी 5% कीटनाशक को विशेष प्रकार के बने हडसन पम्प छिडकाव से किया जाता है। जिससे बालू मक्खी मर जाती हैं जिससे कालाजार रोग से बचाव हो जाता है।
दीवारों की पानी से धुलाई नहीं करने पर दवा का प्रभाव तीन महीने तक बना रहेगा।
घर,मन्दिर, पाठशाला और आसपास के सभी स्थानों को साफ रखें।
फर्श पर न सोयें तथा सोते समय महीन जाली के मच्छरदानी का प्रयोग करें।
एस. पी. 5% कीटनाशक का छिड़काव से पहले दरारों को मिट्टी से भर दे, कमरों में इकट्ठा लकड़ी, उपली कन्डे आदि को छिडकाव के समय कमरे से बाहर कर दें ।
एस.पी. 5% का अच्छी गुणवत्ता का छिड़काव जमीन से छः फुट की ऊंचाई तक आवश्यक करावें।
एस.पी. 5% दवा के छिडकाव के बाद कम से कम तीन महीने तक घरों में किसी प्रकार की सफेदी या लिपाई–पुताई न करें।
मलेरिया बीवीडी दक्षता संवर्धन प्रशिक्षण कार्यक्रम साथ ही कुष्ठ रोगी खोज अभियान का प्रशिक्षण भी दिया गया है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ धन्नजय कुशवाहा, सहायक जिला मलेरिया अधिकारी सुधाकर मणि त्रिपाठी, स्वास्थ्य निरीक्षक प्रमोद कुमार मिश्र , पाथ संस्था के जिला कार्यक्रम प्रभारी देशदीपक सिंह, मलेरिया निरीक्षक विवेक कुमार सिंह, स्वास्थ्य पर्यवेक्षक दिग्विजय नाथ तिवारी, एन एम ए वेद प्रकाश पाण्डेय, पी एम डब्ल्यू श्याम नारायण कुशवाहा, एस.एफ.डब्ल्यू सतेन्द्र कुमार आशा मौजूद रहे है।