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Deoria News देवरिया टाइम्स।
श्री चिरंजी ब्रह्म सेवा समिति सोंदा की ओर से आयोजित श्रीभागवत कथा ज्ञान यज्ञ के प्रथम दिवस पर अंतर्राष्ट्रीय कथा व्यास डॉ श्याम सुंदर पराशर ने श्रोताओं को रसपान कराते हुए कही।उन्होंने भागवत कथा के महात्म्य पर चर्चा करते हुए कहा कि ब्रह्मा जी को श्रीमन्न नारायण भगवान ने,ब्रह्मा जी नारद जी को,नारद जी वेद व्यास को,व्यास जी ने शुकदेव को और शुकदेव ने परीक्षित को सात दिन में श्रीमद भागवत की कथा सुनाई।

क्योंकि परीक्षित ने शुकदेव जी से प्रश्न किया कि मृत्यु निकट आने पर मरणधर्मा को क्या करना चाहिए?जिस पर शुकदेव जी परीक्षित को श्रीमद् भागवत की कथा सुनाई।श्री पराशर जी ने यह भी कहा कि तुंगभद्रा नदी के तट पर एक बड़े विद्वान आत्मदेव थे ।उनकी कोई संतान नहीं थी । वे दुःखी होकर मरने जा रहे थे उसी समय एक संत से मुलाकात होने के बाद संत सांसारिक बंधनों में फंस कर संतान उत्पत्ति का आशीर्वाद मांगने लगे।संत ने ध्यान लगाया तो पता चला कि एक जन्म ही नही वरन सात जन्मों तक कोई संतान इनके भाग्य में नही है।आत्मदेव मरने की जिद पर अड़े रहे।संत ने एक फल दिया और पत्नी को खिलाने की बात कही और कहा कि ईश्वर की कृपा हुई तो पुत्र की प्राप्ति होंगी।घर जाकर आत्मदेव ने पत्नी धुंधली को फल दिया लेकिन पत्नी ने अपने फल न खाकर अपनी गाय को खिला दिया।और अपनी बहन के पुत्र को अपनाकर मुहल्ले में मिठाई बटवा दी।कुछ दिन बाद प्रसाद के प्रभाव से गाय ने एक पुत्र को जन्म दिया।धुंधली ने अपने बेटे का धुंधकारी और गाय के जन्मे पुत्र को गौकर्ण नाम रखा।

आगे चलकर धुंधकारी कुख्यात और गौकर्ण विख्यात हुआ।पुत्र धुंधकारी की पीड़ा से त्रस्त होकर आत्मदेव वनों में चल गए और माता धुंधली अंध कूप में गिरकर जान दे दी।श्री पराशर जी ने कहा कि मृत्युलोक दुःख का सागर है।इससे विरक्त होने का मूल साधन श्रीमद् भागवत महापुराण है।इसके पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन सदर सांसद डॉ रमापति राम त्रिपाठी और महामंडलेश्वर भगवानदास ने आरती कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।एक तरफ सदर सांसद डॉ रमापति राम त्रिपाठी और महामंडलेश्वर भगवानदास ने कथा व्यास डॉ श्याम सुंदर पराशर का माल्यार्पण कर स्वागत किया वही कथा व्यास पराशर जी ने सांसद सहित मंचासीन अतिथियों को श्रीरामनाम की पट्टिका लगाकर सम्मानित किया।

श्रोताओं की सुविधा हेतु नेशनल पब्लिक स्कूल सोंदा के डायरेक्टर संजय शंकर मिश्र ने बताया कि प्रतिदिन कथा स्थल तक श्रोताओं को पहुंचाने के लिए शाम चार बजे बारीपुर मंदिर, सोनू घाट चौराहे,देवरिया बस स्टैंड,देवरिया हनुमान मंदिर पर बस निःशुल्क लगी रहेंगी।इस अवसर पर केशव मिश्र,संजय शंकर मिश्र,अनिल मिश्र,रविप्रकाश मिश्र छोटे,दीपक मिश्र,राधेश्याम शुक्ल,संजय तिवारी,प्रभाकर मिश्र,गुल्लू मिश्र,प्रो राम मनोहर मिश्र,मृत्युंजय शास्त्री,धर्मेंद्र पांडे, डॉ सौरभ , हेमवंती देवी,समीक्षा,नीलम,वीना,पूनम, स्तुति,सृष्टि,वंशिका सहित भारी संख्या में श्रोता उपस्थित रहे।

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