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Deoria News:देवरिया टाइम्स।
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले में टीबी की जांच के लिए घर के पास ही एक्स-रे की सुविधा प्रदान की जाएगी। हालांकि यह सुविधा उन विशेष ब्लॉक व गांव में में वरीयता से प्रदान की जाएगी जहां अभियान के दौरान सर्वाधिक क्षय (टीबी) रोगी मिले हैं अथवा मिलते हैं। इन स्थानों पर विशेष शिविर लगाकर लक्षण वाले (संभावित) मरीजों का टीबी जांच के लिए मौके पर एक्स-रे किया जाएगा। टीबी की पुष्टि होने पर संबंधित स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाकर उनका इलाज कराया जायेगा।


मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश झा ने बताया कि वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में एक मार्च से सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान चलाया जाएगा। अभियान के दौरान जिस भी ब्लॉक व गांव में सर्वाधिक टीबी के मरीज मिलेंगे, या फिर पूर्व चलाए गये अभियानों के दौरान अधिक संख्या में टीबी मरीज मिले हैं, वहाँ शिविर लगाकर लक्षण वाले अन्य व्यक्तियों का मौके पर पोर्टेबल हैंड हेड एक्स-रे मशीन से एक्स-रे किया जायेगा। टीबी की पुष्टि होने पर उसका इलाज कराया जायेगा। सीएमओ ने बताया कि सेंटर फॉर हेल्थ रिसर्च इनोवेशन जीत 2.0 प्रोग्राम जिले में पिछले दो वर्षों से टीबी की रोकथाम के लिए कार्य कर रहा है। इसमें जिस भी घर के सदस्य को पल्मोनरी टीबी (फेफड़े वाली टीबी) है। उस घर में पांच वर्ष से ऊपर वाले सदस्यों का एक्स-रे कराया जाता है। पुष्टि वाले मरीजों को छोड़कर घर के अन्य सभी छोटे-बड़े सदस्यों को टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी (टीपीटी) दी जाती है, जिनका फालोअप भी किया जाता है।

टीबी के लक्षण हों तो जरूर कराएं जांच

   जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ सुरेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि जिले में जनवरी 2023 से दिसंबर 2023 तक 5531 टीबी के मरीज मिले हैं। सभी मरीजों का इलाज कराया गया। डॉ. चौधरी ने बताया कि दो सप्ताह या अधिक समय तक खांसी, खांसी के साथ बलगम आना, बलगम में खून आना, वजन कम होना, भूख न लगना, सीने में दर्द होना, शाम को हल्का बुखार आना आदि टीबी के लक्षण हैं । इस तरह के लक्षण नजर आयें तो जाँच जरूर कराएँ।
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