देवरिया टाइम्स। मुख्य विकास अधिकारी रवींद्र कुमार द्वारा आज अपराह्न 03 बजे जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के समय जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हरिश्चन्द्र नाथ अनुपस्थित पाये गये। कार्यलय में उपस्थित कर्मचारियों द्वारा बताया गया कि वे लखनऊ गये है जिस पर सीडीओ ने स्टेशन लीव के संबन्ध में पूछा तो पता चला कि वे बिना सक्षम प्राधिकारी की अनुमति लिए मुख्यालय सीमा से बाहर गए हैं, जबकि जिलाधिकारी द्वारा बार-बार लिखित एवं मौखिक रूप से निर्देशित किया गया है कि कोई भी अधिकारी बिना अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ेगा। सीडीओ ने इस पर गहरी नाराजगी जताते हुए आज का वेतन बाधित करते हुए तीन दिन के भीतर इस संबंध में अपना स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया।
इसके अतिरिक्त निरीक्षण के समय 08 अधिकारी / कर्मचारी अनुपस्थित पाये गये, जिसमें उपेन्द्र मणि त्रिपाठी सहायक वित्त लेखाधिकारी, राजेन्द्र प्रसाद सोनकर लेखाकार,जावेद अहमद लेखाकार, तनुज कुमार श्रीवास्तव प्र०सहा०, संजीव कुमार सिंह क०स०, सत्यनारायण अनुचर, उमेश चन्द्र अनुचर,अनिल कुमार अनुचर अनुपस्थित में शामिल है।
इसके अतिरिक्त वीर बहादुर गुप्ता क०स, सिद्धांत सिंह क०स०, जयशंकर श्रीवास्तव व०स०, हरिश प्रसाद अनुचर, हरिलाल अनुचर, सोनमती अनुचर, शशि मिश्रा व०सहा०, अशोक कुमार व०सहा०, विध्यांचल यादव जीप चालक, ज्ञानेन्द्र सिंह समन्वयक उपस्थिति पंजिका में उपस्थिति बनाकर कार्यालय से अनुपस्थित पाये गये। सभी अनुपस्थित एक दिन का वेतन बाधित करते हुए स्पष्टीकरण तलब किया गया है।
उपरोक्त अनुपस्थित अधिकारियों / कर्मचारियों का आज का वेतन अवरूद्ध करते हुए निर्देशित किया गया कि वे अपने अनुपस्थिति के संबंध में अपना स्पष्टीकरण अपने कार्यालयाध्यक्ष के माध्यम से प्रस्तुत करें। इस कार्यालय में आकस्मिक अवकाश पंजिका नहीं बनायी गयी है तथा कर्मचारियों का अवकाश स्वीकृत करने के बाद उपस्थिति पंजिका में ईधर-उधर रखी गयी है जिससे स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि किस अधिकारी / कर्मचारी द्वारा 14 दिन का आकस्मिक अवकाश स्वीकृत कर लिया गया है, जबकि प्रत्येक कार्यालय में उपस्थिति पंजिका एवं पत्रावली बनायी जाती है तथा आकस्मिक अवकाश स्वीकृत करने के बाद रजिस्टर में दर्ज कर फाईल में सुरक्षित रखा जाता है, परन्तु ऐसा न किया जाना जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, देवरिया द्वारा अपने कर्तव्यों में लापरवाही को प्रदर्शित करता है।
निरीक्षण के दौरान पाया गया कि इस कार्यालय के प्रत्येक अनुभागों में पत्रावलियाँ बिखरी पड़ी हुई हैं तथा उस पर धूल जमा हुआ है। साथ ही आलमारियों के ऊपर एवं उस पर बेठन बांधकर रखे हुए पत्रावलियों पर भी धूल जमा हुआ है जिससे प्रतीत होता है कि साफ-सफाई पर थोड़ा भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस कार्यालय में बाथरूम बहुत ही गन्दा पाया गया तथा इसमें से बदबू दूर से ही आ रहा था। साथ ही सीढ़ी पर टूटी हुई कुर्सियों अनियंत्रित रखी हुई पायी गयी।
सीढ़ीयों पर धूल जमे हुए है तथा पान खाकर थूकने के निशान पूरे सीढ़ी पर पड़ी हुई, देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि इसकी नियमित सफाई नहीं हो रही है। निरीक्षण में पाया गया कि कार्यालय के सभी आलमारियों के ऊपर यह चस्पा नहीं किया गया है कि आलमारी के अन्दर कौन-कौन सा अभिलेख / पत्रावली रखी हुई है। इस कार्यालय के आलमारियों को खोलकर देखा गया तो आलमारी के अन्दर किसी भी रैक पर क्या फाईल रखा गया है, अंकित नहीं किया गया है। इसके साथ ही इस कार्यालय में भ्रमण पंजिका नहीं, जबकि प्रत्येक कार्यालय में भ्रमण पंजिका बनाये जाने के निर्देश हैं।