Deoria News देवरिया टाइम्स। जिले में संचारी रोगों का नियंत्रण तभी संभव है, जब स्वास्थ्य विभाग के अलावा अन्य सभी सम्बन्धित विभाग अपने-अपने हिस्से के दायित्वों का सम्पूर्ण निर्वहन करें । साथ ही सम्बन्धित विभागों में अन्तर्विभागीय समन्वय होना भी अति आवश्यक है । यह निर्देश जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने बुधवार की देर शाम तक चली जिला टास्क फोर्स (डीटीएफ) की बैठक के दौरान दिया ।
जिले में एक अप्रैल से प्रस्तावित संचारी रोग नियंत्रण अभियान और सत्रह अप्रैल से प्रस्तावित दस्तक पखवाड़े के बारे में बैठक में विस्तार से चर्चा की गयी। जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि संचारी रोग नियंत्रण अभियान में ग्राम्य विकास व पंचायती राज विभाग, आईसीडीएस, शिक्षा विभाग, नगर विकास विभाग, कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, स्वच्छ भारत मिशन, दिव्यांग कल्याण विभाग, सूचना विभाग, संस्कृति विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग एक साथ गतिविधियां करते हैं । स्वास्थ्य विभाग नोडल विभाग की भूमिका में होता है । इस बार के संचारी रोग नियंत्रण अभियान में हीट स्ट्रोक, कोविड, मच्छरजनित बीमारियों, एच तीन एन टू वायरस और लेप्टोस्पाईरोसिस व स्क्रबटाइफस से बचाव के उपायों के बारे में जनजागरूकता फैलाना एवं प्रभावी नियंत्रण के उपाय करना शामिल है।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि शिक्षा विभाग, आईसीडीएस, पंचायती राज विभाग, कृषि विभाग और नगर निकाय विभाग की भूमिका दोनों अभियानों में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है । जिलाधिकारी ने जनपद के संचारी रोग के अति संवेदनशील गांव में जिला स्तरीय अधिकारियों की ड्यूटी लगाये जाने के निर्देश के साथ कहा कि ये अधिकारी इन गांवों में विशेष रुप से संचारी रोग से बचाव, जन जागरुकता एवं अन्य उपायों को सुनिश्चित करायेंगे। मुख्य विकास अधिकारी रवींद्र कुमार ने कहा कि बीमारियों की रोकथाम और सुपोषण का संदेश जन जन तक इन अभियानों के जरिये पहुंचाया जाना चाहिए । खासतौर पर दस्तक पखवाड़े के दौरान आशा और आंगनबाड़ी समन्वय स्थापित करते हुए बुखार पीड़ित लोगों को सूचीबद्ध करें और कुपोषित बच्चों को भी ढूंढ कर स्वास्थ्य सेवा प्रणाली से जोड़ें। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 राजेश झा ने बताया कि दस्तक पखवाड़े के दौरान आशा और आंगनबाड़ी घर घर भ्रमण कर जनजागरूकता के साथ साथ पांच प्रकार की सूचियां तैयार करेंगी। इन सूचियों में बुखार के रोगियों, इन्फ्लुएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई) रोगियों, संभावित क्षय रोगियों, कुपोषित बच्चों और मच्छरों के अधिक प्रजजन वाले मकानों की सूचियां शामिल हैं । विभिन्न बीमारियों के लक्षण वाले मरीजों को सरकारी अस्पताल के इलाज से जोड़ा जाएगा जबकि मच्छरों के घनत्व वाले मकानों में मच्छरों को नष्ट किया जाएगा । इस अवसर पर एसीएमओ वेक्टर बार्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, जिला मलेरिया अधिकारी आरएस यादव, सहायक मलेरिया अधिकारी सुधाकर मणि, डीपीएम पूनम, डीसीपीएम राजेश गुप्ता आदि प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।