1 / 3
Caption Text
2 / 3
astha
3 / 3
ssmall

Deoria News:देवरिया टाइम्स 1857 की क्रांति में अपनी संस्कृति की रक्षा के लिए पैना स्थित सरयू नदी में जलसमाधि लेने वाली वीरांगनाओं की स्मृति में आज शहीद दिवस का आयोजन हुआ। जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने पैना पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने कहा कि पैना का इतिहास असाधारण है। यह वीरांगनाओं की धरती है। इस धरती पर जन्म लेते ही गौरव की प्राप्ति हो जाती है। जिलाधिकारी ने कहा कि किसी भी यात्रा की शुरुआत सपने से होती है।

सपने पूरे होते हैं। गांव के लोगों ने 1857 में आजादी का सपना देखा था और इसके लिए लड़े थे। ऐसी मिसाल समूचे स्वतंत्रता संघर्ष में कहीं और देखने को नहीं मिलती है। 31 जुलाई 1857 को यहां की वीरों ने अपनी संस्कृति अपनी अस्मिता की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर सर्वोच्च बलिदान किया। ऐसे उदाहरण इतिहास में बहुत कम मिलते हैं। इस गौरवमयी इतिहास को संरक्षित रखने के साथ ही इसी त्याग और बलिदान की भावना से प्रेरणा प्राप्त कर भविष्य का इतिहास लिखना है। जिलाधिकारी ने पैना को पर्यटन पटल पर लाने और इस गाथा को इतिहास में समुचित स्थान दिलाने के लिए हर संभव सहयोग देने के लिए आश्वस्त किया।


इससे पूर्व जिलाधिकारी ने पैना शहीद स्मारक पर श्रद्धासुमन अर्पित कर जलसमाधि लेने वाली महिलाओं को नमन किया। साथ ही सरयू नदी में दीप प्रवाहित कर अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने शहीदों की स्मृति में पौधारोपण भी किया।जिलाधिकारी ने प्रोफेसर और पैना निवासी दिनेश कुमार सिंह द्वारा लिखित 1857 की प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में ग्राम पैना, जनपद देवरिया का योगदान एवं संघर्ष नामक पुस्तक की प्रशंसा की और कहा कि यह स्थल उन चुनींदा जगहों में से है जिसका इतिहास लिपिबद्ध है। इस दौरान एसडीएम अंगद यादव, सीओ आदित्य कुमार, ग्राम प्रधान राम प्रताप सिंह सहित बड़ी संख्या में लोग जुटे थे।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here