Deoria News:देवरिया टाइम्स। जिले में टीकाकरण बेहतर तरीके से हो, इसके लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कार्यालय के धनवंतरी सभागार में नव नियुक्त 20 एएनएम (सहायक नर्स दाई) को नियमित टीकाकरण के लिए प्रशिक्षण दिया गया। दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन मंगलवार को सीएमओ डॉ राजेश झा की अध्यक्षता में हुआ। प्रशिक्षण में शहर की नौ और मझगांवा की 11 एएनएम सहित कुल 20 एएनएम को नियमित टीकाकरण से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी। इसके साथ ही एनएनएम को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र भी वितरित किया गया।
प्रशिक्षण के दौरान सीएमओ डॉ राजेश झा ने कहा नियमित टीकाकरण के सफल संचालन के लिए कर्मियों का प्रशिक्षित होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य प्रशिक्षुओं को नियमित टीकाकरण के फायदे के बारे में अवगत कराना, इसके रख-रखाव के तरीके व किस वक्त कौन सा टीका लगाया जाये, इस संबंध में प्रशिक्षित होना जरूरी है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ संजय गुप्ता ने बताया नियमित टीकाकरण के तहत बच्चों को 12 प्रकार की गंभीर बीमारियों से बचाव के टीके सरकारी प्रावधानों के तहत लगाए जाते हैं। इनमें टीबी, हेपेटाइटिस-बी, पोलियो, गलघोंटू, काली खांसी, टिटनेस, डायरिया, निमोनिया, खसरा, रूबेला एवं जापान इंसेफेलाइटिस आदि हैं। उन्होंने बताया- टीबी की रोकथाम के लिए बच्चों को जन्म के पश्चात बी.सी.जी. का एक टीका दिया जाता है। हेपेटाइटिस-बी, जो कि एक विषाणु के कारण होता है, जिससे लिवर प्रभावित होता है। पोलियो जिससे बच्चों के शरीर के किसी भाग में अचानक कमजोरी आ जाती है। गलाघोंटू जो आम तौर पर गले और टॉन्सिल को प्रभावित करता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत होती है। इस प्रकार अन्य कई प्रकार की संक्रामक बीमारियों से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी तालिका के अनुरूप नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत बच्चों को सभी जानलेवा बीमारियों से बचाव के टीके लगाये जाते हैं।
दो दिवसीय प्रशिक्षण में यूनिसेफ के डीएमसी अरशद जमाल , जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता विश्वनाथ मल्ल ने नियमित टीकाकरण से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। प्रशिक्षण में डीडीएम प्रमोद यादव, संजय त्रिपाठी, , रेनू शर्मा, सरिता, पुष्पा, सुनीता, अनीता दुबे, विमला, वंदना, नीलम कुशवाहा, मधु तिवारी, प्रियंका, मधु, रीता सहित अन्य एएनएम शामिल रहीं।
समय समय पर टीकाकरण की मिली जानकारी
एएनएम वंदना ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में उन्हें टीकाकरण के बारे में संपूर्ण जानकारी मिली। उन्हें बताया गया कि बच्चे के जन्म के बाद बीसीजी, हेपेटाइटिस बी बर्थ डोज, ओपीवी दी जाती है। इसके अलावा बच्चों को डेढ़ माह पर ओपीवी की पहली डोज, रोटा की पहली डोज, पीसीवी की पहली डोज, एफआईपीवी की पहली डोज और पेंटा की पहली डोज दी जाती है। इसके साथ ही ढाई माह पर कौन सा टीका और पांच वर्ष पर कौन सा टीका लगेगा इसकी जानकारी प्रशिक्षण में मिली है।