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Deoria News: लोक कला का प्रचार-प्रसार कर उन्हें करे संरक्षित

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Deoria News: लोक कला का प्रचार-प्रसार कर उन्हें करे संरक्षित

Deoria News:देवरिया टाइम्स

सनबीम स्कूल देवरिया में बुधवार को स्पीक मैके संस्था द्वारा उत्तर भारतीय शास्त्रीय नृत्य कथक की शानदार प्रस्तुति की गई। कार्यक्रम का उद्घाटन विद्यालय के निदेशक अवनीश मिश्र, उपनिदेशिका नीतू मिश्रा, प्रधानाचार्य अरविंद शुक्ला, अरुण बरनवाल (अध्यक्ष संस्कार भारती), राजेंद्र जायसवाल (सदस्य रोटरी क्लब एवं संस्कार भारती), वाचस्पति मिश्र (ब्यूरो प्रमुख हिंदुस्तान समाचार पत्र), डॉ अखिलेश त्रिपाठी( चिकित्सा अधिकारी एवं सदस्य रोटरी क्लब)एवं मन्नान अहमद (संवाददाता आज समाचार पत्र) ने संयुक्त रूप से तुलसी वेदी पर दीप प्रज्वलित करके किया। इस अवसर पर स्पिक मैके की तरफ से बनारस घराने से पधारे कथक नृत्य के युवा कलाकार पं.रूद्रशंकर मिश्र, उदयशंकर मिश्र, एवं राघवेंद्र शर्मा भी उपस्थित रहे। बताते चलें कि प्रोफेसर किरण सेठ द्वारा स्थापित संस्था स्पिक मैके का उद्देश्य भारत के विविध राज्यों की लोक संस्कृति व लोक कलाओं का प्रचार-प्रसार करते हुए उन्हें भावी पीढियों तक पहुंचाकर उन्हें संरक्षित करना है।

इस महान कार्य के लिए प्रोफेसर किरण सेठ को पद्मश्री, राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार सहित अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।आज के कार्यक्रम के मुख्य कलाकार श्री रूद्र शंकर मिश्र जो युवा कथक कलाकार हैं और संगीत नाटक अकादमी युवा पुरस्कार- 2021, उस्ताद बिस्मिल्लाह खान सम्मान, किशोर अध्येता पुरस्कार, कला गौरव पुरस्कार, बाल नटराज पुरस्कार आदि से सम्मानित तथा आचार्य सुखदेव महाराज बनारस घराना से संबंधित हैं। वे पंडित माता प्रसाद मिश्रा के पुत्र और पंडित रविशंकर मिश्रा के भतीजे हैं। वे पांच वर्ष की उम्र से ही बनारस घराने से जुड़कर अपनी कला का प्रदर्शन प्रारंभ करते हुए आज एक अंतर्राष्ट्रीय कलाकार के रूप में स्थापित हो चुके हैं। उन्होंने विश्व के अनेक देशों में भी अपनी कला का प्रदर्शन किया है। आज के कार्यक्रम में उन्होंने कथक से संबंधित अनेक भाव-भंगिमाओं की शानदार प्रस्तुति दी, जिसे देखकर दर्शक दीर्घा में बैठे लोग भाव विभोर हो झूमने के लिए विवश हो गए। उन्होंने अपने नृत्य की शुरूआत भगवान शिव की अराधना नृत्य से किया।

विभिन्न प्रकार की ध्वनियों का प्रदर्शन पैरों और घुंघरू की मदद से कर सबको आश्चर्यचकित कर दिया। थाली नृत्य और बनारस की मसाने की होली की भाव-भंगिमाओं पर आधारित नृत्य प्रस्तुत कर सबको आश्चर्यचकित कर दिया।उन्होंने पैरों के तलवों और घुंघरू के योग से पुलों पर चढ़ती ट्रेन की ध्वनि और घोड़ों की टापों की ध्वनि प्रस्तुत कर सबको चमत्कृत कर दिया।उन्होंने नृत्य की छात्राओं को कत्थक नृत्य की अनेक भाव-भंगिमाएं सिखाईं और कथक नृत्य शैली से जुड़े अनेक प्रश्नों का उत्तर देते हुए बताया कि कथक नृत्य के चार घराने-बनारस घराना, लखनऊ घराना, जयपुर घराना और रायपुर घराना हैं।सब में कुछ न कुछ अंतर है। कुछ भगवान शिव को अपना आराध्य मानकर उनकी भाव- भंगिमाओं पर आधारित नृत्य प्रस्तुत करते हैं, तो कुछ भगवान कृष्ण को अपना आराध्य मानकर उनकी भाव-भंगिमाओं पर आधारित नृत्य प्रस्तुत करते हैं।बनारस घराना भगवान शिव को अपना आराध्य मानता है। उन्होंने बताया कि कथक मुख्यत: ध्वनि और भाव पर आधारित नृत्य है, इसमें प्रत्येक भाव के लिए अलग-अलग मुद्राओं में नृत्य प्रस्तुत किए जाते हैं। तत्पश्चात रोटरी क्लब के सदस्य राजेंद्र जायसवाल ने पंडित रुद्रशंकर मिश्र की कला की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए बताया कि बनारस में उनके द्वारा संचालित थिएटर में अनेक विदेशी छात्र-छात्राएं कथक नृत्य की शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। निदेशक अवनीश मिश्र तथा उपनिदेशिका नीतू मिश्रा ने तीनों कलाकारों को पुष्पगुच्छ और स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।प्रधानाचार्य अरविंद शुक्ला ने अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया ।

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