Deoria News देवरिया टाइम्स।
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (उत्तर प्रदेश) द्वारा प्रदेश स्तर पर तीन दिवसीय ज्ञापन, शांति मार्च व धरना प्रदर्शन कार्यक्रम के अनुसार दिनांक 22 जून को जिला इकाई द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया। परिषदीय शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों और रसोईयों से संबंधित 22 सूत्रीय विभिन्न समस्याओं के समाधान हेतु संगठन के सैकड़ो शिक्षकों द्वारा बीआरसी परिसर देवरिया सदर में एकत्रित होकर धरना प्रदर्शन किया।
धरना प्रदर्शन के दौरान पुरानी पेंशन बहाली, राज्य कर्मचारियों के समान निःशुल्क कैशलेश चिकित्सा सुविधा, शिक्षामित्रों के मानदेय वृद्धि व शिक्षकों की भांति अवकाश, अनुदेशकों के नवीनीकरण की प्रक्रिया का सरलीकरण व उनके मानदेय में वृद्धि, रसोइयों के लिए कम से कम 11 माह के वेतन की व्यवस्था, विद्यालय समय में लचीलापन, प्रतिकर व उपार्जित अवकाश की व्यवस्था, प्रतिवर्ष निष्पक्ष व पारदर्शी नीति द्वारा स्थानांतरण, गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्ति, विद्यालयों की सुरक्षा के दृष्टिगत चौकीदार की नियुक्ति, शिक्षक एमएलसी निर्वाचन में मताधिकार व पदोन्नति पर न्यूनतम वेतनमान तथा प्रभारी प्रधानाध्यापक को प्रधानाध्यापक के समान वेतन इत्यादि प्रमुख बिंदु रहे।
जिलाध्यक्ष जयशिव प्रताप चंद ने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत लाखों शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मियों के साथ-साथ उनके करोड़ों आश्रितों को सुविधा प्रदान करने के दृष्टिगत वर्षों से लम्बित मांगों पर अतिशीघ्र शासनादेश/विभागीय आदेश निर्गत करने व उन्हें शीघ्र लागू किये जाने हेतु यह धरना आयोजित किया गया है।
विवेक मिश्र ने कहा कि पुरानी पेंशन पर सरकार का अड़ियल रवैया कतई बर्दाश्त नही किया जाएगा। प्रधानाध्यापक पदों की कटौती करते हुए जिस प्रकार से अतिरिक्त कार्यो को थोपा जा रहा है, उससे शिक्षकों का मानसिक शोषण हो रहा है।
ज्ञानेश यादव ने कहा कि यह धरना सरकार की शिक्षकों के शोषण भरी नीति के विरोध में है। साथ ही आगे प्रदेश नेतृत्व के निर्देश से बड़ा विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
प्रशांत जायसवाल ने कहा कि बेसिक शिक्षा के लंबित मुद्दों का निस्तारण समयान्तर्गत न होने से शिक्षकों में असंतोष व्याप्त है।
शशांक मिश्र ने कहा कि अध्यापकों के ज़िम्मे ग़ैर शैक्षणिक कार्यों की भरमार हैं। उनको उनके मूल कार्य पठन-पाठन से हटाकर,कंप्यूटर ऑपरेटर बना दिया गया है।
जो की बच्चों के भविष्य के लिए बहुत बुरा है।
सरकार को इस ओर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
इसके अतिरिक्त अशोक तिवारी, अतुल मिश्रा, अमित राय, हेमंत, दुर्गेश यादव, सौरभ, प्रमोद, एहसान इत्यादि ने सभा को संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन नर्वदेश्वर मणि ने किया।
इस अवसर पर सग़ीर ख़ान, संजय पांडेय, माखन प्रसाद, आशुतोष मिश्र, अशोक तिवारी, प्रमोद कुशवाहा, राजेश्वर चंद्र, दिनेश यादव, विशाल राय, अमित सिंह, ऋषि राय,राघवेंद्र कुशवाहा, विनय तिवारी,हेवंत राव, आशुतोष नाथ, अभिषेक जायसवाल, एहसान-उल-हक़, अविनाश मणि, दुर्गेश यादव, भानु शाही, बिट्टू कुमार, रजनीकांत त्रिपाठी, प्रवीण यादव, आशुतोष चतुर्वेदी, शिखर शिवम, रामबहादुर सिंह, अभयेंद्र कुमार,नवनीत कुमार, रवि, मनोज शाही, पुनीत कुमार, विकास सिंह,सौरभ मिश्रा, अजय यादव, अंकित चतुर्वेदी,मार्कण्डेय मिश्र,राहुल सिंह, देवेंद्र सिंह, जितेंद्र साहू, नागेंद्र यादव, शैलेश सिंह, शैलेन्द्र सिंह,सत्येंद्र पटेल, अखिलेश गोस्वामी, मनीष सिंह,राधा रमण शाही अभिनंदन यति, सत्यप्रकाश कुशवाहा,राहुल तिवारी, वागीश मिश्र, शक्ति सिंह आदि अध्यापक उपस्थित रहे।