Deoria News देवरिया टाइम्स।
राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत दस अगस्त से प्रस्तावित सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान सम्बन्धित कार्यशाला का आयोजन नगर पालिका कार्यालय के दीनदयाल उपाध्याय सभागार में सोमवार को किया गया । नगर पालिका अध्यक्ष अलका सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में अभियान को सफल बनाने के लिए चर्चा की गई।
इस मौके पर नगर पालिका अध्यक्ष अलका सिंह ने कहा कि फाइलेरिया बीमारी न हो इसका एक मात्र उपाय इससे बचाव के लिए दवा का सेवन है। हम सभी लोग खुद दवा खाएं और फाइलेरिया से बचाव के लिए लोगों को भी दवा खाने के लिए प्रेरित करें। यह दवा आशा कार्यकर्ता के सामने ही खानी है। इस कार्य में नगर पालिका से जुड़े सभी लोगों को अहम भूमिका निभानी है । सभासद अपने अपने वार्ड में लोगों को दवा का महत्व बताएं और स्वास्थ्य कार्यकर्ता की मदद करें तो नगर को फाइलेरिया मुक्त किया जा सकता है ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश झा ने कहा कि 10 अगस्त से जिले में एमडीए अभियान शुरू हो रहा है। इस दौरान आशा और सहयोगी स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाएंगे। फाइलेरिया बीमारी से बचाव के लिए दवा उम्र के अनुसार खिलाई जाएगी। फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती, एक माह के बच्चे वाली प्रसूता और गंभीर तौर पर बीमार लोगों को छोड़ कर सभी को करना है। एक से दो वर्ष तक की आयु के बच्चों को केवल पेट में कीड़े मारने की दवा खिलाई जाएगी।
दवा का सेवन आशा कार्यकर्ता और स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपने सामने ही करवाएंगे। दवा खाली पेट नहीं खानी है। दवा खाने के बाद जी मिचलाना, चक्कर या उल्टी आने जैसे लक्षण दिखें तो घबराएं नहीं, यह एक सामान्य प्रक्रिया है। दवा के सेवन से जब माइक्रोफाइलेरिया खत्म होते हैं तो यह लक्षण दिखते हैं और स्वतः ठीक भी हो जाते हैं । उन्होंने कहा कि इस अभियान की सफलता के लिए स्वास्थ्य विभाग और सहयोगी संस्थाओं को मिलकर साझा प्रयास करने की जरूरत है।
इस मौके पर जिला मलेरिया अधिकारी आरएस यादव ने कहा फाइलेरिया मच्छर जनित रोग है। यह मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसके संक्रमण से लिम्फोडिमा (हाथ, पैरों और स्तन में सूजन) और हाइड्रोसील (अंडकोषों में सूजन) होता है। यह न सिर्फ व्यक्ति को दिव्यांग बना देती है बल्कि इसकी वजह से मरीज की मानसिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। प्रारंभिक लक्षण दिखते ही अगर डॉक्टर की सलाह मानी जाए और रोग प्रबन्धन किया जाए तो बीमारी को बढ़ने से रोक सकते हैं।
इस मौके पर जिला मलेरिया अधिकारी आरएस यादव, सहयक मलेरिया अधिकारी सुधाकर मणि, नगर पालिका ईओ रोहित सिंह, प्रांशु सीफार और पीसीआई संस्था के प्रतिनिधि सहित 30 सभासद और 12 सफाई नायक मौजूद रहे।
फाइलेरिया से बचाव के बारे मिली जानकारी
वार्ड नम्बर 19 के सभासद जेपी शर्मा (35) ने बताया कि कार्यशाला में फाइलेरिया बीमारी के कारण और बचाव के बारे में जानकारी दी गई। बताया गया कि घर के आस- पास व अंदर साफ-सफाई रखे, पानी जमा न होने दें और समय-समय पर रुके हुए पानी में कीटनाशक, जला हुआ मोबिल व डीजल का छिड़काव करते रहें। फाइलेरिया से बचाव के लिए पांच साल तक लगातार साल में एक बार फाइलेरिया रोधी दवा खाने के बारे में भी जानकारी मिली। यह संदेश जन जन तक पहुंचाना है।
जिले में 1358 है फाइलेरिया मरीज
सहायक मलेरिया अधिकारी सुधाकर मणि ने बताया कि जिले में 1178 हाथीपांव और 180 हाइड्रोसील के मरीज हैं। 168 हाइड्रोसील मरीजों की सर्जरी कराई गई है। शेष मरीजों की सर्जरी भी शीघ्र कराई जाएगी।