Deoria News देवरिया टाइम्स।
अपर जिलाधिकारी(वि/रा)/प्रशासक नगर पालिका परिषद देवरिया नागेन्द्र सिंह ने बताया है कि उ0प्र0 नगर पालिका अधिनियम 1916 ( उ0प्र0 अधिनियम सं0- 2 सन् 1916 की धारा 298,300,301 तथा उसके साथ अंकित सूची-1 के अधीन शक्ति का प्रयोग करने नगर पालिका परिषद देवरिया अपने सीमान्तर्गत मलेरिया, डेंगू, कालाजार और किसी भी वेक्टर जनित रोग उपविधि नियमावली 2023 बनायी है जिसे उक्त अधिनियम की धारा 301 के अन्तर्गत आपत्तियां एवं सुझाव आमंत्रित करने हेतु प्रकाशित किया गया है।
उक्त नियमावली के सम्बन्ध में उसके बिन्दु या सभी बिन्दुओं पर किसी व्यक्ति या समूह को कोई आपत्ति/सुझाव यदि हो तो अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद, देवरिया को संबोधित करके लिखित रूप से प्रेषित किया जाना अनिवार्य होगा केवल उन्हीं आपत्तियों एवं सुझावों पर विचार किया जायेगा जो इस उपविधि के प्रकाशित होने के दिनांक से 1 सप्ताह के अन्दर प्राप्त होगा। समय से आपत्ति एवं सुझाव प्रस्तुत न किये जाने की दशा में विचार किया जाना सम्भव नहीं होगा। संक्षिप्त नाम प्रसार एवं प्रारम्भ के विवरण में बताया है कि यह उपविधि मलेरिया, डेंगू, कालाजार और किसी भी वेक्टर जनित रोग उपविधि नियमावली 2023 कहलायेगी। यह उपविधि नगर पालिका परिषद देवरिया की सीमा में लागू होगी। यह उपविधि उ०प्र० राजपत्र में प्रकाशन होने के दिनांक से नगर पालिका परिषद देवरिया में प्रभावी होगी। अधिनियम का तात्पर्य उ०प्र० नगर पालिका अधिनियम 1916 से है। अध्यक्ष / प्रशासक का तात्पर्य नगर पालिका परिषद देवरिया के अध्यक्ष से है। उन्होंने बताया है कि अधिशासी अधिकारी का तात्पर्य नगर पालिका परिषद देवरिया के अधिशासी अधिकारी से है। नगर पालिका का तात्पर्य नगर पालिका परिषद देवरिया से है।
उत्तर प्रदेश रोकथाम और मलेरिया, डेंगू कालाजार और किसी भी वेक्टर जनित रोग विधि के संबंध में बताया है कि निरीक्षण अधिकारी, लिखित नोटिस द्वारा किसी भी स्थान के मालिक य अधिभोगी से खडे या बहने वाले पानी के किसी भी संग्रह से, जिसमें मच्छरों के प्रजनन या प्रजनन की सम्भावना हो, ऐसे समय के भीतर, जैसा कि निर्दिष्ट किया जा सकता है, की आवश्यकता हो सकती है नोटिस में, 24 घंटे से कम नहीं होने पर, भौतिक रसायनिक, जैविक और अन्य तरीको से उसके सम्बन्ध मे ऐसा उपाय करने के लिए, जैसा कि निरीक्षण अधिकारी मलेरिया, डेंगू, कालाजार की रोकथाम और नियंत्रण के लिए परिस्थितियों में उपयुक्त मानता है।यदि वह व्यक्ति जिसे उप-विनियम (1) के तहत नोटिस दिया गया है, वह नोटिस में निर्दिष्ट समय के भीतर उपाय करने में विफल रहता है या इनकार करता है, या उपचार की विधि को अपनाता है, तो निरीक्षण अधिकारी स्वयं ऐसे उपाय कर सकता है या इस तरह के उपचार की विधि को अपनाएँ और सम्पत्ति के मालिक या कब्जे वाले से जैसा भी मामला हो ऐसा करने के लिए सेवा शुल्क के साथ लागत वसूल करें।
उ0प्र0 नगर पालिका अधिनियम 1916 की धारा 298, 300,301 के अन्तर्गत यदि कोई भी व्यक्ति उप नियमों की किसी भी धारा का उल्लंघन करेगा / करायेगा / करने में प्रोत्साहन देगा उस व्यक्ति पर वेक्टर जनित रोग उप विधि के पैरा 1 लगायत 02 तक में प्राविधानित दण्ड से दण्डित किया जा सकता है।