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सोनूघाट। श्री चिरंजी ब्रह्म सेवा समिति की ओर से आयोजित श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह यज्ञ के अंतिम दिन अंतर्राष्ट्रीय कथा व्यास डॉ श्यामसुंदर पराशर ने श्रीकृष्ण सुदामा प्रसंग का रसपान कराया।श्री पराशर ने यह भी कहा कि एक दिन सुदामा की पत्नी सुशीला ने भगवान श्रीकृष्ण से मिलने के लिए कहा।पत्नी सुशीला ने चार घरों से चावल मांगकर सुशीला ने अपने पति सुदामा को द्वारिकाधीश भेज दिया ।

पत्नी सुशीला ने सुदामा से कहा कि भगवान श्रीकृष्ण से जरूर कहना कि संसारी जीव प्रत्येक माह की दो एकादशी रहते है।मेरे यहा तो रोज एकादशी होती है।द्वारिका धीश के महल के पास पहुंचने पर द्वारपालोंं ने सुदामा ने रोका तो अपना नाम सुदामा बताए।भगवान द्वारिका नाथ मेरे बचपन के सखा है।कोई द्वारपाल को विश्वाश नही हो रहा था।भगवान सुदामा नाम सुनते ही नंगे पैर ही दौड़ पड़े।देखकर सभी द्वारिकवासी आश्चर्यचकित होकर देखने लगे।श्रीकृष्ण सुदामा मिलन की झांकी देख सभी श्रोता भाव विभोर हो गए।पूरा पंडाल जय श्रीकृष्ण के नारों से गूंज उठा।इसके पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत आरती से हुआ।

कथा व्यास डॉ श्याम सुंदर पराशर ने मंचा सीन अतिथियों को श्रीराधे की पट्टिका लगाकर स्वागत किया।इस अवसर पर केशव मिश्र,संजय शंकर मिश्र, भल्लर मिश्र, अनिल मिश्र,रवि प्रकाश मिश्र छोटे,सदानंद मिश्र,प्रभाकर मिश्र,अजय जायसवाल,अर्जुन मिश्र,चंदन,दुर्गाधार द्विवेदी सहित आदि श्रोता मौजूद रहे।

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