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Deoria News देवरिया टाइम्स। नाबार्ड द्वारा प्रायोजित आजीविका एवं उद्यमिता विकास कार्यक्रम के अंतर्गत विकास खंड देवरिया सदर में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को जूट बैग एवं अन्य सम्बंधित उत्पाद का पंद्रह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 30 महिलायों के 3 बैच को प्रशिक्षण दिया जाएगा।


इस कार्यक्रम के 2 बैच के समाप्त होने के उपलक्ष्य में प्रमाण पत्र एवं मानदेय वितरण का कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रमाण पत्र वितरण समारोह के मुख्य अतिथि मुख्य विकास अधिकारी रवींद्र कुमार एवं विशिष्ट अतिथि उपायुक्त स्वतः रोजगार विजय शंकर राय, जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड संचित सिंह, क्षेत्रीय प्रबंधक बरोदा यु०पी० बैंक श्री यादराम जी उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम का क्रियान्वयन ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा उत्तर प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन के सहयोग से किया जा रहा। प्रमाण पत्र वितरण समारोह की शुरुआत करते हुए जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड संचित सिंह ने मुख्य विकास अधिकारी एवं अन्य अधिकारियों को कार्यक्रम के बारे में विस्तार पूर्वक बताया।


इस कार्यक्रम के अंतर्गत विकासखंड देवरिया सदर की 90 महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इन महिलाओं को प्रशिक्षण के दौरान जूट से बनाए जाने वाले विभिन प्रकार के बैग लंच बैग, बोतल बैग, फाइल बैग, आदि की जानकारी दी गई, प्रशिक्षकों ने जूट की महत्वता को भी महिलाओं को बताय साथ ही यह भी बताया की सरकार ने पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों के उपयोग को बढ़ाने के लिए कदम उठाए, और परिणामस्वरूप उन्होंने प्लास्टिक की पैलियों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है और इसलिए प्लास्टिक की थैलियों के बजाय जूट के बैग सबसे अच्छे विकल्प है यह बताते हुए उन्होंने महिलाओं को प्रोत्साहित किया। जूट के माध्यम से महिलाए विभिन्न प्रकार से उपयोग कर सकती है लंच बैग, बोतल बैग, फाइल कवर, पर्स, हैण्डबैग सहित विभिन्न प्रकार के दैनिक जीवन में उपयोगी समान बनाकर अपनी आजीविका में सुधार के साथ साथ समूह की महिलाए आत्मनिर्भर भी बनेगी।


जिला विकास प्रबंधक संचित सिंह ने महिलाओं को बताया की नाबार्ड किस प्रकार ग्रामीण क्षेत्र महिलाओं के स्व-रोजगार को बढ़ावा देने हेतु मुख्यतः स्वयं सहायता समूह के प्रशिक्षण पर कार्यरत है। उन्होंने जूट उत्पाद की बारीकियों का विस्तार से विवरण किया एवं महिलाओं को जूट से उत्पाद बनाकर अपनी आय बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार जूट के उत्पाद से एक अतिरिक्त आय का स्रोत बनाया जा सकता है। समूह के महत्व को बताते हुए उन्होंने यह भी कहा की यदि स्वयं सहायता समूह की महिलाए समूह के पांच सूत्र का पालन करे तो वित्तीय सहयोग नाबार्ड एवं बैंक द्वारा बहुत आसानी से उपलब्ध हो सकता है। साथ ही उन्होंने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को बताया की समूह के माध्यम से महिलाएं किस प्रकार सरकार द्वारा मिलने वाली योजनाओं का लाभ उठा सकती है स्वयं रोजगार कर आत्मनिर्भर बन सकती है।


कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्य विकास अधिकारी रवींद्र कुमार ने नाबार्ड के कार्य की सराहना की एवं महिलाओ को इस तरह के मौकों का लाभ लेने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने बताया जिला प्रशासन महिला सशक्तिकरण के लिए कई प्रकार के कार्यक्रम चला रही है और महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए हर प्रकार से सहयोग करने को तैयार है, उन्होंने इस क्षेत्र में महिला स्वरोजगार पर बल देते हुए महिलाओं को प्रमाण पत्र एवं मानदेय का चेक प्रदान किया। उपायुक्त स्वतः रोजगार विजय शंकर राय जी ने महिलायों को समूह के बचत से आगे बढ़ने एवं वभिन्न प्रकार के छोटे उद्यम लगाने पर प्रोत्साहित किया एवं यह भी बताया की इस संबंध में उनका विभाग समूहों की हर प्रकार की सहायत करने को तैयार है।


क्षेत्रीय प्रबंधक यादराम जी ने महिलायों को बैंकिंग व्यवस्था से जुड़ करके आगे बढ़ने के एलिए प्रोत्साहित किया एवं यह अस्वाशन भी दिया की बड़ौदा यू० पी० बैंक समूह की हर प्रकार से सहयोग करने को तैयार है।
कार्यक्रम के अंत में कार्यान्वन एजेंसी की तरफ से श्री सोमिक कुमार ने सभी आगतूक एवं अधिकारियों का धन्यवाद ज्ञापित किया एवं भविष्य में इस तरह के कार्यक्रम के सहयोग की अपेक्षा भी की इस अवसर पर श्री तुहिन श्रीवास्तव, सौमिक कुमार, शिखा श्रीवास्तव, राजेश भास्कर एवं स्वयं सहायता समूह की महिलाएं उपस्थित रही

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