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Deoria News:देवरिया टाइम्स।रूद्रपुर कोतवाली क्षेत्र में भूमि विवाद में पूर्व जिला पंचायत सदस्य की हत्या के बाद प्रतिशोध में हुए नरसंहार में मृत 5 लोगों का भी देर शाम अंतिम संस्कार कड़ी सुरक्षा में हुआ। इस दौरान पोस्टमॉर्टम हाउस से लेकर शमशान तक बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती थी। जहां पूर्व जिला पंचायत सदस्य को उसके नाबालिग पुत्र ने मुखाग्नि दी। वहीं पांचों मृतकों को उनके बड़े बेटे देवेश दूबे गर्ग ने मुखाग्नि दी। किसी तरह के टकराव से बचने के लिए जिला प्रशासन ने दोनों पक्षों के शवों को अलग अलग श्मशान में अंत्येष्टि कराई।


कोतवाली क्षेत्र के 12 टोले के गांव फतेहपुर के लेहड़ा टोला और अभयपुरा टोला में दो परिवारों के बीच वर्षों से भूमि विवाद चला आ रहा है। इसमें एक पक्ष पूर्व प्रधान और पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद यादव का था और दूसरा पक्ष साधारण किसान परिवार सत्य प्रकाश दूबे का है। सोमवार को अचानक अपना खेत देखने गए पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम चंद यादव खेत के नजदीक सत्य प्रकाश दूबे के दरवाजे पर पहुंचकर किसी बात पर गाली गलौज करने लगे।

इससे आक्रोशित होकर सत्यप्रकाश दूबे के परिजनों ने धारदार हथियार से हमला बोल दिया।इससे प्रेमचंद की मौके पर ही मौत हो गई। इसकी सूचना ढाई किलोमीटर दूर दूसरे टोले पर मृतक प्रेमचंद के परिजनों को आधे घंटे बाद मिली। आक्रोशित पक्ष ने लाठी डंडा और असलहे के दम पर सत्यप्रकाश दूबे के घर पर हमला बोलकर पति पत्नी, दो बेटियों और दो बेटों पर धारदार हथियारों और गोली मारकर हत्या कर दी और भाग निकले। मौके पर पहुंची पुलिस सभी को देवरहा बाबा स्वायत्तशासी मेडिकल कॉलेज ले आई। जहां 6 वर्षीय अनमोल गर्ग ही जीवित बचा था शेष की मौत हो गई थी। पुलिस ने सभी शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजवाया।


पोस्टमॉर्टम (पीएम)के बाद देर शाम हुई अंत्येष्टि
पोस्टमॉर्टम के बाद सबसे पहले पूर्व जिला पंचायत सदस्य का शव बाहर आया। इसके लिए अंत्येष्टि की व्यवस्था जिला प्रशासन ने कुर्ना नाला स्थित अन्त्येष्टि स्थल पर कर रखी थी। यहां पर प्रेमचंद यादव को उसके 13 वर्षीय पुत्र तेज प्रताप ने मुखाग्नि दी। वहीं सत्य प्रकाश दूबे के परिजनों के शवदाह के लिए प्रशासन ने रामपुर कारखाना थाना क्षेत्र के पटनवा पुल स्थित अंत्येष्टि स्थल ले जाया गया। जहां उनके ज्येष्ठ पुत्र देवेश दूबे गर्ग ने सभी पांचों शवों को मुखाग्नि दी। इस दौरान देवेश लगातार बिलखता रहा उसे प्रशासन और पुलिस के लोग सांत्वना देते रहे।


हत्यारो को मिले फांसी
सत्यप्रकाश दूबे के ज्येष्ठ पुत्र ने रोते बिलखते मांग की कि मेरे परिवार का सफाया करने वाले आरोपियों को फांसी की सजा हो। जिस तरह मेरा परिवार खत्म हो गया उसी तरह उनका भी सफाया हो। इस दौरान उसके चेहरे पर खौफ साफ पढ़ा जा सकता था। उसने अपने और छोटे भाई के सुरक्षा की मांग की।

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