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जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में बुधवार को महान समाजसेवी एवं कानूनविद बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के 67 वें महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर प्रशासनिक भवन परिसर में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर विश्वविद्यालय परिवार के लोगों ने कुलसचिव महेंद्र कुमार और प्रो. बीबी तिवारी के साथ पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

मुख्य अतिथि प्रो. राजीव कुमार ने कहा कि बाबा साहब ऐसे व्यक्तित्व थे जिन्होंने करोड़ों लोगों के जीवन में परिवर्तन लाया। उन्होंने अर्थव्यवस्था के बुनियादी ढांचा में जो परिवर्तन लाया उसके परिणाम अब दिखाई दे रहे हैं।

मुख्य वक्ता के रूप में प्रो. अविनाश पाथर्डीकर ने कहा कि उनके शोध पत्र के आधार पर आरबीआई और वित्त आयोग की गाइडलाइन बनीं। उन्होंने सर्वसमाज के लिए काम किया था। उन्होंने सर्वसमाज के विकास एवं देश की अर्थव्यवस्था को दिशा प्रदान करने के लिए आधार प्रदान किया।

विशिष्ट अतिथि परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह ने कहा कि उन्होंने संविधान में हर वर्ग का ख्याल रखें। बाबा साहब के ज्ञान का कोई सानी नहीं था। देश के सर्वांगीण विकास में उनका विशेष योगदान रहा।

संगोष्ठी में अध्यक्षता करते हुए कुलसचिव महेंद्र कुमार ने कहा कि सकारात्मक नजरिया से ही समाज को एकजुट रखा जा सकता है। उनके द्वारा निर्मित संविधान में पूरे भारत का प्रतिबिम्ब दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि वह समस्याओं के देखें थे समाधान भी उन्होंने अच्छा निकाला इसलिए मतभेद होने के बाद भी उन्हें संविधान सभा की प्रारूप समिति का चेयरमैन बनाया गया। उन्होंने वोट का अधिकार दिलाकर समाज में एकता पैदा की। भारत को सशक्त और मजबूत राष्ट्र बनाने की दिशा में कार्य किया।

इस अवसर पर उप कुलसचिव अमृतलाल, परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह, अजीत सिंह, बबिता सिंह, प्रो रामनारायण, प्रो.देवराज सिंह ,डॉ मनोज मिश्र, डॉ राजकुमार, डॉ सुनील कुमार, सुशील कुमार, राजेश कुमार, रमेश यादव, राजनारायण सिंह, राजेश सिंह , संतोष मौर्य, हेमंत श्रीवास्तव, बृजेश सोनकर, श्याम श्रीवास्तव, मैलाश आदि उपस्थित थे।इसी क्रम में “डॉ भीमराव अंबेडकर: व्यक्तित्व एवं कृतित्व” विषय पर दत्तोपंत ठेंगड़ी विधि संस्थान में परिनिर्वाण दिवस मनाया गया ।


“डॉ भीमराव अंबेडकर: व्यक्तित्व एवं कृतित्व” विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर विभाग के निदेशक प्रोफेसर देवराज सिंह ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का व्यक्तित्व बहुत विराट था समाज की मुख्य धारा से कटे हुए दलित समाज के लोगों के लिए वह प्रेरणा स्रोत रहे हैं।
विभागाध्यक्ष डॉ.वनिता सिंह ने कहा कि बाबा साहब ने रूढ़ियों और परंपराओं पर चोट करते हुए समाज को वैज्ञानिकता और तर्कवाद की कसौटी पर खड़ा करने का प्रयास किया।
विचार गोष्ठी में डॉ अनुराग मिश्र, मंगला प्रसाद यादव, डॉ प्रियंका कुमारी,श्री प्रकाश यादव, डॉ.राजित राम सोनकर आदि उपस्थित रहे।

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