Deoria News:फाइलेरिया ग्रसित अंगों की देखभाल और व्यायाम जरूरी

0

Deoria News:देवरिया टाइम्स। बनकटा ब्लॉक के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बकटिया और रामपुर में फाइलेरिया मरीजों व नेटवर्क सदस्यों को रुग्णता प्रबन्धन व दिव्यांगता नियन्त्रण (एमएमडीपी) के बारे में मंगलवार को प्रशिक्षित किया गया । इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से फाइलेरिया के 20 मरीजों को एमएमडीपी किट भी प्रदान की गयी । फाइलेरिया से ग्रसित मरीजों को उपचार और देखभाल के बारे में भी बताया गया। इसके अलावा फाइलेरिया ग्रसित अंगों की साफ-सफाई कैसे की जाए इस बारे में प्रदर्शन कर समझाया गया।
प्रशिक्षण के दौरान चिकित्सा अधिकारी (एमओ) डॉ वीरेंद्र कुमार ने कहा कि जिले में फाइलेरिया उन्मूलन के साथ साथ हाथीपांव प्रबन्धन का भी कार्यक्रम चल रहा है।

इस बीमारी से बचने के लिए साल में एक बार लगातार पांच साल तक मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान के दौरान फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन ही श्रेष्ठ उपाय है। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया रोगी सहायता समूह नेटवर्क के सदस्य अपने-अपने क्षेत्रों में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के प्रति लोगों को जागरूक करें। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर दूषित पानी में पनपते हैं। जब यह मच्छर किसी फाइलेरिया ग्रसित व्यक्ति को काटने के बाद स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो फाइलेरिया के परजीवी खून के जरिए उसके शरीर में प्रवेश कर उसे भी फाइलेरिया से ग्रसित कर देते हैं। उन्होंने कहा कि शरीर के जिस भी अंग में फाइलेरिया है, उसकी नियमित साफ-सफाई बेहद जरूरी है। इससे त्वचा के ऊपरी हिस्सों में संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। फाइलेरिया से प्रभावित अंगों में चोट लगने का खतरा भी ज्यादा होता है और ऐसी स्थिति में मरीज की तकलीफ भी बढ़ जाती है। इस अवसर पर फाइलेरिया रोगी सहायता समूह नेटवर्क के सदस्य ने हाथीपांव की साफ-सफाई कैसे की जाती है प्रदर्शन कर समझाया।


बनकटिया निवासी फाइलेरिया मरीज सुनीता (40) ने बताया कि प्रशिक्षण में हाथीपांव की सूजन को कम करने के लिए व्यायाम औऱ हाथीपांव की साफ सफाई के बारे में जानकारी दी गई है। इस दौरान हाथीपांव की सफाई के लिए एमएमडीपी किट भी दी गई है। किट में बाल्टी, बाथ टब, मग, साबुन, तौलिया और क्रीम है। उन्होंने बताया “मैं सबसे पहले अपने हाथी पांव वाले दाएं पैर को पानी से गीला करती हूं। उसके बाद साबुन का झाग अपने हाथों में बनाकर प्रभावित दाहिने पैर की अंगुलियों सहित सभी हिस्से में धीरे-धीरे अच्छे से लगाती हूं। मग से धीरे धीरे-पानी डालकर साबुन के झाग को साफ करती हूं। उसके बाद सूती कपड़े से अंगुलियों सहित पैर को बिना जोर दिए सुखाती हूं।” व्यायाम के बारे में उन्होंने बताया “दीवार का सहारा लेकर दिन में दो से तीन बार खड़े होकर पंजे के पिछले भाग को ऊपर-नीचे करती हूं। बिस्तर पर बैठकर दोनों पैरों को चक्रानुसार दोनों तरफ घुमाती हूं। साथ ही सोते समय दाहिने पैर के नीचे तकिया लगा कर सोती हूं,। जिससे खून का संचार पंजे पर न रुककर बीच में रहे।”
इस दौरान सीएचओ राकेश कुमार, पाथ संस्था के जिला समन्वयक देशदीपक, ग्राम प्रधान दीपक शर्मा, आशा संगिनी रीना दुबे, सुमन देवी, बादामी देवी, जयराम, सरिता, कृष्णावती, राजकुमारी, प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।

जिले में हैं 1300 फाइलेरिया मरीज
जिला मलेरिया अधिकारी सुधाकर मणि ने बताया कि जिले में फाइलेरिया के 1300 मरीज हैं। हर फाइलेरिया मरीज को साल में एक बार एमएमडीपी किट प्रदान की जाती है। इस वर्ष 330 फाइलेरिया मरीजों को एमएमडीपी किट दी जा चुकी है। शेष मरीजों को भी शीघ्र किट वितरित की जाएगी।

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Open chat
Hello
Can we help you?
Exit mobile version