Deoria News:देवरिया टाइम्स। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा सोमवार को भाटपाररानी ब्लॉक के मदनमोहन मालवीय डिग्री कालेज के सभागार में प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना के उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारम्भ जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) कृष्णकांत राय ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को डीपीओ श्री राय ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। कार्यशाला में आंगनबाड़ी सेविकाओं ने अपने कार्य अनुभव को साझा किया।
कार्यशाला में डीपीओ कृष्णकांत राय ने कहा कि प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) स्वास्थ्य विभाग से अब महिला एवं बाल विकास विभाग में हस्तांतरित हो गई है। अब आंगनबाड़ी कार्यकत्री योजना से लाभांवित कराने में सहयोग करेंगी। उन्होंने कहा सरकार ने गर्भवती व धात्री महिलाओं को पोषण देने के लिए वर्ष 2017-18 में स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना शुरू की थी। इस योजना में पहली संतान पर लाभ देने का प्रावधान था। जिसमें पहली संतान होने पर दो किस्तों में पांच हजार रुपए दिए जाते हैं। इसके बाद साल 2022 में योजना का विस्तार कर दिया गया। जिसमें दूसरी संतान बालिका होने पर एक किस्त में छह हजार रुपए का प्रावधान है। आशाओं के माध्यम से संबंधित गर्भवती महिला को योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन करना होता था। अब इस योजना को महिला एवं बाल विकास विभाग को संचालित किया जा रहा है। सभी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को लॉग इन आईडी पासवर्ड उपलब्ध कराए जाएंगे, जिसके माध्यम से आंगनबाड़ी कार्यकत्री गर्भवती महिलाओं को योजना से लाभांवित कराएंगी।
डीपीओ ने संभव अभियान के तहत किस तरह से कार्य करना है, उन बातों पर चर्चा किया। उन्होंने बताया कि बच्चों के बेहतर भविष्य और अधिक समृद्ध समाज के लिए पोषण अत्यंत आवश्यक है। शिशु और बाल मृत्यु में वृद्धि का एक प्रमुख कारण मातृ एवं शिशु कुपोषण है। कुपोषण की रोकथाम में सबसे बड़ी चुनौती समाज परिवार एवं व्यक्तिगत स्तर पर पोषण संबंधित मौजूदा व्यवहारों धारणा में परिवर्तन लाना है। इसी उद्देश्य से जिले में संभव अभियान चलाया जा रहा है । जिसमें विशेष रूप से सैम बच्चों का चिन्हांकन व उपचार संदर्भन एवं सामुदायिक स्तर पर उनके प्रबंधन के साथ-साथ कुपोषण की रोकथाम हेतु कार्य किया जाना है। उन्होंने बताया कि इसको लेकर सैम बच्चों के वजन की वृद्धि, निगरानी एवं पोषण परामर्श हेतु 0 से 5 वर्ष के प्रत्येक लाभार्थी तक पहुंचना एवं चयनित कुपोषित बच्चों का संदर्भन उपचार एवं प्रबंधन सुनिश्चित करना है।
कार्यशाला में यूनिसेफ के मंडलीय समन्यवक कमलेश पाण्डेय ने हैण्डवाश, स्वच्छता, महिला कल्याण विभाग से मनो वैज्ञानिक काउंसलर मीनू जायसवाल ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, नारी शक्ति, कन्या सुमंगला योजना, बाल सेवा योजना, वन स्टाप सेंटर की मैनेजर नीतू भारती ने हिंसा पीड़ित महिलाओं के लिए 181 हेल्पलाइन नंबर के बारे में प्रशिक्षण दिया।
इस मौके पर सीडीपीओ राजेंद्र कुमार, पाथ संस्था के जिला समन्यवक अभिषेक, सीफार संस्था के जिला समन्यव नीरज ओझा, टीएसयू के शक्ति विजय सिंह, शिवम कुमार, अजातशत्रु सहित आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां मौजूद रहीं।