Deoria News देवरिया टाइम्स।सनबीम स्कूल देवरिया के छात्र/
छात्राओं द्वारा वर्तमान पीढ़ी में मानवीय मूल्यों/संस्कारों में तेजी से हो रहे ह्रास के पीछे के कारकों को केंद्र में रखकर यह संदेश देने का प्रयास किया गया कि माता-पिता के द्वारा अपने बच्चों की परवरिश में कहीं न कहीं कोई कमी हो रही है जिससे उनमें जो मानवीय मूल्य विकसित होने चाहिए वह विकसित होने की बजाय घटते जा रहे हैं जो किसी भी स्वस्थ समाज के ताने-बाने के लिए प्राण घातक साबित होने वाला है।अतः प्रत्येक माता-पिता को अपने बच्चों की परवरिश के तौर-तरीकोंको में बदलाव लाने की जरूरत है। बच्चों में नैतिक मूल्यों के विकास और उनके सफल भविष्य में अभिभावकों द्वारा उनकी परवरिश का बड़ा योगदान होता है।इसी तथ्य को केंद्र में रखकर इस वर्ष की ‘परिक्रमा- 2023’के केंद्र में है- ‘परवरिश-एक पहल’। सनबीम स्कूल के सुसज्जित परिसर में भव्य रूप से सजे मंच पर रंग-बिरंगी पोसाकों में सजे बच्चों ने अपनी कला से न केवल दर्शकों का मन मोहा बल्कि उपस्थित जनसमूह को यह संदेश देने का प्रयास भी किया कि अच्छे परवरिश द्वारा हम एक मूल्यवान, संस्कारवान और सफल भावी पीढ़ी का निर्माण कर सकते हैं।
कार्यक्रम के सर्व प्रमुख अतिथि डॉक्टर अरुणेश नीरन (प्रख्यात साहित्यकार हिंदी व भोजपुरी भाषा एवं अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी महासम्मेलन के महासचिव), मुख्य अतिथि भावना सिंह( पत्नी जिला अधिकारी देवरिया),विशिष्ट अतिथि अलका सिंह( नगर पालिका अध्यक्षा देवरिया)एवं प्रो अजय शुक्ला(विभागाध्यक्ष आंग्ल भाषा विभाग गोरखपुर विश्वविद्यालय) सम्माननीय अतिथि सौरभ सेन (उपप्राचार्य सनबीम महिला पीजी कॉलेज भगवानपुर),अवनीश मिश्रा (निदेशक सनबीम स्कूल देवरिया),नीतू मिश्रा (उपनिदेशिका सनबीम स्कूल देवरिया)तथा अरविंद कुमार शुक्ला( प्रधानाचार्य सनबीम स्कूल देवरिया) ने संयुक्त रूप से तुलसी बेदी पर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर अन्य गणमान्य अतिथियों में सलोनी श्रीवास्तव (जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी देवरिया),विपिन द्विवेदी( उप जिला अधिकारी देवरिया),सुमन पांडेय (एएसडीएम देवरिया) श्रीयेश त्रिपाठी (क्षेत्राधिकार नगर देवरिया), अनिल त्रिपाठी (मंत्री नागरी प्रचारिणी सभा देवरिया), अशोक दीक्षित (सेवानिवृत प्रोफेसर संत विनोबा पीजी कॉलेज देवरिया), डॉक्टर शकुंतला दीक्षित (सेवानिवृत्त आचार्या स्वामी विवेकानंद पीजी कॉलेज मठलार),अभय कुमार द्विवेदी (प्रधानाचार्य शंकर इंटर कॉलेज बिंदोलिया)डॉक्टर मधुसूदन मणि त्रिपाठी (सेवानिवृत प्रधानाचार्य पथरदेवा इंटर कॉलेज पथरदेवा,देवरिया), नवीन सिंह (निदेशक सनबीम स्कूल गाज़ीपुर व दिलदारनगर), प्रशांत गुप्ता और शुभ्रा गुप्ता (निदेशक सनबीम स्कूल आजमगढ़) बृजेश यादव और मेघा यादव (निदेशक सनबीम स्कूल अयोध्या)डॉ कुंवर अरुण सिंह (निदेशक सनबीम स्कूल बलिया), रजनीश मिश्रा ( सह निदेशक सनबीम स्कूल देवरिया), अराधना मिश्रा (सहनिदेशिका सनबीम स्कूल देवरिया)के साथ ही शहर के अनेक विद्यालयों के प्रधानाचार्य शिक्षक व अन्य गणमान्य नागरिकों और अभिभावकों की गरिमामयी उपस्थिति रही।
स्वागत भाषण एवं अतिथियों का सत्कार सनबीम स्कूल देवरिया के निदेशक अवनीश मिश्रा के द्वारा किया गया।
विद्यालय की शैक्षणिक व उससे संबंधित वर्ष भर की उपलब्धियों तथा गतिविधियों का विवरण विद्यालय के प्राचार्य अरविंद कुमार शुक्ला ने प्रस्तुत किया।साथ ही छात्रा वैष्णवी सिंह,अदिति त्रिपाठी और समृद्धि संतोष मिश्रा ने इस कार्य में उनका सहयोग किया।
यादों की बारात में सनबीम स्कूल देवरिया के संस्थापक अध्यक्ष स्मृति शेष दिनेश मिश्रा जी के जीवन से जुड़े तथ्यों एवं शिक्षा प्रसार के क्षेत्र में उनके योगदान से जुड़ी एक झांकी प्रस्तुत की गई।
आज के संपूर्ण कार्यक्रमों का संचालन वरिष्ठ समन्वयिका मधुमिता तिवारी,दिवाकर पांडेय,तनिष्ठा अग्रवाल, आदित्य पांडेय,मानसी पांडेय, आकांक्षा मणि, अर्पिता पांडेय, नित्या यादव,अदिति त्रिपाठी हर्षिता झुनझुनवाला, प्रियांशी दूबे ने किया।
जैसा कि हम जानते हैं कि भारतीय संस्कृति में किसी कार्य की निर्विघ्न समाप्ति के लिए देव स्तुति की परंपरा है। इस तथ्य को ध्यान में रखकर नृत्य शिक्षक अमित शर्मा और शिक्षिका रंजना तिवारी द्वारा तैयार करवाई गई गणेश वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।भगवान विघ्नहर्ता की स्थिति से पूरा माहौल भक्तिमय हो उठा। इस कार्यक्रम में सृष्टि मद्धेशिया, रिया, सोमी अली, लाइबा नूर, आयुष्मान, अक्षत आदि ने प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम सुरों का संगम में संगीत शिक्षिका सुमन दूबे नमिता अल्फ्रेड और अर्चना मिश्रा द्वारा तैयार करवाया गया शास्त्रीय व पाश्चात्य शैलियों पर आधारित नृत्य व संगीत प्रस्तुत किया गया जिसमें सितार, वायलिन, तबला,ड्रम, हारमोनियम, गिटार आदि की जुगलबंदी सराहनीय रही। इसमें मानस, विराट, वेद योगश्री,लावण्या,सात्विक,अनिकेत मिश्रा आदि बच्चों ने प्रतिभा किया।
कार्यक्रम अवलंबन में शिक्षिका गुलनाज और अर्पिता द्वारा तैयार करवाए गए नृत्य में कक्षा के जी द्वितीय के बच्चों द्वारा गीत उंगली थामें चलना… पर मनोहारी नृत्य प्रस्तुत कर यह संदेश देने का प्रयास किया गया कि बच्चों की परवरिश में माता-पिता की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।वही उनके पहले मार्गदर्शक होते हैं। इसमें नव्या, सम्स, कृतिका, अनव आदि ने प्रतिभा किया।
कार्यक्रम उम्मीद एक अभिलाष में शिक्षिका रिशु और निधि द्वारा तैयार करवाए गए नृत्य में कक्षा नर्सरी व कक्षा प्रथम के बच्चों द्वारा पापा कहते हैं बेटा नाम करेगा…गीत पर मनोहारी नृत्य प्रस्तुत कर दर्शक दीर्घा में बैठे लोगों को तालियां बजाने के लिए विवश कर दिया और बच्चों के साथ झूमने को मजबूर हो गए। इस गीत और नृत्य के माध्यम से यह संदेश देने का प्रयास किया गया कि माता-पिता को अपने बच्चों से उनकी क्षमता से अधिक उम्मीदें नहीं पालनी चाहिए। अगर वह ऐसा करते हैं तो उनके बच्चों के स्वाभाविक विकास में बाधा उत्पन्न होती है और उनकी स्वाभाविक प्रगति बाधित होती है।इस कार्यक्रम में अर्पिता, कार्तिक, परिधि ,समृद्धि, सानवी आदि बच्चों ने प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम उड़ान में शिक्षिका निधि और जया द्वारा तैयार करवाए गए नृत्य में कक्षा प्रथम और द्वितीय के बच्चों द्वारा गीत सूरज के मुंह पर मालदे मलाई…. पर आकर्षक नृत्य प्रस्तुत कर यह संदेश देने का प्रयास किया गया कि प्रत्येक माता-पिता को केवल किताबी ज्ञान पर जोर देकर अपने बच्चों की रुचियों को पहचान कर उन्हें उसी क्षेत्र में आगे बढाने का प्रयास करना चाहिए। इसमें अग्रिमा,अपूर्वा ,अविरा, आयुषी,युवान, प्रखर आदि ने प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम खुशियों के रंग अपनों के संग में शिक्षिका आदिति व प्रतिमा द्वारा तैयार करवाए गए नृत्य ऐ दिल लाया है बहार अपनों का प्यार….पर कक्षा तृतीय वह चतुर्थ के बच्चों द्वारा नृत्य की अद्भुत छटा बिखरते हुए यह संदेश देने का प्रयास किया कि जीवन की वास्तविक खुशी परिवार के सदस्यों के साथ मिलजुल कर रहने,उनको समय देने में है लेकिन वर्तमान पीढ़ी मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स में उलझ कर अपनों से दूर होती जा रही है जो आने वाले समय के लिए अच्छा संदेश नहीं है। इसमें अन्वी आयुषी शांभवी कृतिका स्तुति श्रेया आदि बच्चों ने प्रतिभाग किया।
मूक कार्यक्रम तू कर खुद की खोज में शिक्षिका साजिया द्वारा तैयार करवाए गए मूक अभिनय में महिला सशक्तिकरण का संदेश देते हुए महिलाओं को अपनी ताकत पहचानने का आह्वान किया गया। इसमे धृति पिंगल आराध्या समृद्धि कुणाल देवांश अंश आदि ने प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम अपेक्षाएं में शिक्षिका शिखा मिश्रा और शिक्षक शैलेश बरनवाल द्वारा तैयार करवाए गए नृत्य में कक्षा पांचवी और छठवीं के बच्चों ने गीत एक जिंदगी सौ ख्वाहिशें… पर मनोहारी नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया और साथ ही उन्हें यह संदेश भी देने का प्रयास किया कि बच्चों की हजार ख्वाहिशें होती हैं और वह उन सबको पूरा करना चाहते हैं।उनके माता-पिता को उन पर बहुत अधिक पाबंदियां नहीं लगानी चाहिए और उन्हें उनकी प्रत्येक ख्वाहिशों को पूरा करने के लिए उनको निगरानी में रखते हुए उनका सहयोग करना चाहिए। इसमें अंशिका आराध्या खुशी यश्वी आदि ने प्रतिभाग किया।
शिक्षिका निकिता गुप्ता द्वारा तैयार करवाई गई लघु नाटिका मोबाइल एडिक्शन के द्वारा यह दिखाने का प्रयास किया गया कि वर्तमान पीढ़ी के बच्चों को मोबाइल या अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की बुरी लत लगती जा रही है और वे पूरी तरह उसके गिरफ्त में फंसते जा रहे हैं जिसके द्वारा हो रही हानियां पूरे समाज को किस तरह से कुप्रभावित कर रही हैं। हमें उन्हें ऐसा करने से रोकना होगा अन्यथा उसके बड़े भयंकर परिणाम होंगे। इस नाटिका में आरोही, समृद्धि,श्रुति, स्वप्निल, अक्षित आदि ने प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम वसुधैव कुटुंबकम में शिक्षिका अनुराधा गुप्ता और शिक्षक अभिषेक पांडेय द्वारा तैयार करवाए गए कत्थक नृत्य में जननी जन्मभूमिश्च… गीत के माध्यम से माता और मातृभूमि के महत्व को दर्शाते हुए पूरी पृथ्वी को अपना परिवार मानने का संदेश दिया गया। इसमें तमन्ना, शगुन, आकांक्षा, वत्सला,समीक्षा आदि ने प्रतिभाग किया।
शिक्षक मनीष द्वारा तैयार करवाई गई नाटिका जीविका मार्गदर्शन में छात्र-छात्राओं के लिए करियर काउंसलिंग के महत्व को दर्शाया गया। इसमें समृद्धि, खुशबू, अनुष्का, शशि कला, रौनक, अनुराग,अभिनव आदि ने प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम बेजुबान मैं शिक्षिका ज्योति गुप्ता और शिक्षक विपुल चंद्र मिश्रा के मार्गदर्शन में कक्षा 12वीं के बच्चों ने किशोरावस्था में बच्चों पर अभिभावकों की अपेक्षाओं, पढ़ाई और करियर को लेकर जो दबाव होता है उससे बहुत तनाव में रहते हैं और कभी-कभी गलत निर्णय ले लेते हैं इसलिए अभिभावकों को उन पर अपनी अपेक्षाएं नहीं थोपनी चाहिए और उनका सही मार्गदर्शन करना चाहिए। इसमें प्रिया मिश्रा,संस्कृति सिंह, अनुष्का मिश्रा,रिफा जफर, लता यादव, सुमंत और सूर्यांश आदि ने प्रतिभा किया।
सारथी-एक जीवन दर्शन कार्यक्रम में शिक्षिका ममता और अनामिका द्वारा तैयार करवाया गया नृत्य जो भगवान कृष्ण की जीवन लीला से संबंधित था के माध्यम से यह दिखाने का प्रयास किया गया कि एक व्यक्ति के जीवन में सुख-दुख,उतार-चढ़ाव आते रहते हैं और उन्हें सहज भाव से स्वीकार करते हुए आगे बढ़ना चाहिए। इसमें सृष्टि, पलक, सुमित्रा आरिया जीविका सौम्या आदि ने प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम आत्मरक्षण में ताइक्वांडो प्रशिक्षक रवि त्रिपाठी द्वारा प्रशिक्षित छात्रों ने बिना शस्त्र आत्मरक्षा के विभिन्न करतब दिखाएं, जिसे देखकर दर्शकों के आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा है। इसमें छात्रों ने ईंट ब्रेकिंग, जिमनास्टिक, सेल्फ डिफेंस, रोड फाइट, पटरा ब्रेकिंग,एप्पल ब्रेकिंग,टाइगेक और नान चाकू का बेहतरीन प्रदर्शन किया। इसमें अथर्व, निखिल,सात्विक जिज्ञासु, हृरियान हेमंग आदि ने प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम फ्यूजन के द्वारा भारतीय संस्कृति में व्याप्त विविधता में एकता के भाव को प्रदर्शित किया गया । इसमें सभी कार्यक्रमों में प्रतिभाग करने वाले बच्चों ने प्रतिभाग कर विविधता में एकता की झांकी प्रस्तुत कर दर्शक दीर्घा में बैठे लोगों को भावविभोर कर दिया। इस कार्यक्रम के प्रभारी रहे नृत्य शिक्षक अमित शर्मा।
इसके बाद विद्यालय के निदेशक अवनीश मिश्रा व उपनिदेशिका नीतू मिश्रा ने मुख्य अतिथि विशिष्ट अतिथियों को उपहार व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
तत्पश्चात मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथियों द्वारा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बच्चों द्वारा प्रदर्शित सभी कार्यक्रमों की भूरि-भूरि प्रशंसा की गई व विद्यालय के सत्प्रयासों की सराहना करते हुए बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना की गई।
अंत में विद्यालय के प्रधानाचार्य अरविंद शुक्ला ने अपना अमूल्य समय निकालकर कार्यक्रम में पधारे सभी अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी गरिमामयी उपस्थित से विद्यालय परिवार अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
अंत में राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ
सभी कार्यक्रम एक्टिविटी इंचार्ज शैव्या सिंह के निर्देशन में नृत्य शिक्षक अमित शर्मा संगीत शिक्षिका सुमन दूबे, अर्चना मिश्रा, हिंदी शिक्षक संतोष पांडेय, दिग्वेंद्र सिंह, मधुमिता तिवारी, त्रिपुरेश पांडेय,रिंकी सिंह, आलिया शोएब, दीपांकर आनंद, साजिया, तारीक अली,हसन अली,विपिन सिंह,आदित्य सिंह, आदित्य पांडेय,पुनीत त्रिपाठी, अंबिकेश गौतम, अजय बरनवाल, प्रद्युम्न प्रजापति, शिक्षिका अर्चना त्रिपाठी, क्षमा उपाध्याय, सुचिता चतुर्वेदी, अपूर्वा मिश्रा आदि के सहयोग से संपन्न हुआ।
मंच एवं साज- सज्जा में आर्ट एंड क्राफ्ट शिक्षिका प्रिया गुप्ता, अर्चना मिश्रा, रेनू बाला, हेमलता शर्मा, रजनी शर्मा, सरोज आदि शिक्षिकाओं ने अपना अमूल्य योगदान दिया।