Deoria News देवरिया टाइम्स।
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में आज कलक्ट्रेट स्थित एनआईसी कक्ष में मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु जिला स्तरीय समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक के दौरान डीएम ने कहा कि मत्स्यपालन से जनपद में खुशहाली के नए द्वार खुलेंगे। मत्स्यपालन से जनपद की अर्थव्यवस्था सुधरेगी एवं पोषण स्तर में भी सुधार होगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत ग्राम सभा के तालाबों के पट्टाधारकों व मछुआरों को लाभ पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनपद में पर्याप्त संख्या में तालाब-पोखरे मौजूद हैं। यहाँ मछली की खपत भी अच्छी-खासी है। भौगोलिक रूप से मत्स्यपालन की अनुकूल दशा होने के बावजूद मछली की मांग को पूरा करने के लिए दूसरे राज्यों से आपूर्ति की जा रही है। मत्स्यपालन से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत मनरेगा कन्वर्जेंस अथवा पट्टा धारक द्वारा स्वयं अथवा अन्य विभागों के माध्यम से सुधारे गए ग्राम सभा व अन्य पट्टे के तालाबों में प्रथम वर्ष निवेश पर 40 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। ग्राम सभाओं अन्य पट्टे के तालाबों में मत्स्य बीज बैंक की स्थापना करने पर भी अनुदान मिलेगा। उपरोक्त दोनों उप योजनाओं में की लागत प्रति हेक्टेयर/इकाई है जिसमें 40% अर्थात एक लाख साठ हजार रुपये अनुदान के रूप में दो किस्तों में देय होगा। तालाब के पट्टे की अवधि न्यूनतम 4 वर्ष अवशेष होनी चाहिए तथा ग्राम सभा एवं अन्य पट्टे के तालाबों के पट्टा धारकों एवं पट्टाधारी मत्स्य जीवी सहकारी समितियां अधिकतम 2 हेक्टेयर क्षेत्र के तालाब की सीमा तक योजना के पात्र होंगे।
मुख्य विकास अधिकारी रवींद्र कुमार ने बताया की योजना के अंतर्गत कुल 116 आवेदन प्राप्त हुए जिसमें 101 आवेदन सही पाये गए, जिनका रेंडमाइजेशन कर लिया गया है।
बैठक में तरकुलवा ब्लॉक के प्रगतिशील किसान एवं मत्स्य पालक गंगा शरण श्रीवास्तव ने मत्स्य पालन से जुड़े अपने अनुभव को साझा किया। बताया कि 4 हेक्टेयर के विस्तृत क्षेत्र पर उन्होंने मत्स्य पालन किया है, जिससे उनकी अच्छी खासी आय होती है।
इस अवसर पर निदेशक कृषि विकेश कुमार पटेल, एलडीएम अरुणेश कुमार, जिला मत्स्य विकास अधिकारी नंदकिशोर, पंकज राय सहित विभिन्न अधिकारी मौजूद थे।