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Deoria News देवरिया टाइम्स। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में शनिवार देर सायं फसल कटाई के दौरान होने वाली आगजनी की घटना की रोकथाम हेतु कलेक्ट्रेट सभागार में समीक्षा बैठक आयोजित हुई।
समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि अग्निकाण्ड से बचाव हेतु आपदा प्रबंधन के दिशा-निर्देशों का पालन करना जरुरी है। इसके द्वारा आगजनी की घटनाओं को रोका जा सकता है, इसलिये सभी लोग इसका पालन करें और अपने व्यवहारिक जीवन में भी रोकथाम की उपायो को अपनाये, जिससे कि किसी प्रकार की क्षति को रोका जा सके।


जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि विद्युत विभाग 31 मार्च तक खेतों में लटकते तारों की सूचना उपलब्ध कराए।लटकते एवं जर्जर तार की वजह से खेतों में आग लगती है तो विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंताओं का उत्तरदायित्व तय किया जाएगा। उन्होंने खेतों में लटकते तारों के संबंध में लेखपालों को भी सर्वे करने का निर्देश दिया है। जिलाधिकारी ने कहा कि पूर्व में हुए अग्निकांड स्थलों एवं संवेदनशील स्थलों की सतत निगरानी सुनिश्चित की जाए।


जिलाधिकारी ने कहा कि भूसा बनाने वाली ‘स्ट्रॉ रीपर मशीन’ तथा गेहूं कटाई में प्रयोग होने वाले कंबाइन हार्वेस्टर मशीन के साथ फायर एक्सटिंग्शर मशीन (अग्निशामक यंत्र) का होना अनिवार्य करने की संभावना पर विचार करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि पूर्व के अनुभव से स्पष्ट है कि स्ट्रॉ रीपर मशीन एवं कंबाइन हार्वेस्टर मशीन से निकलने वाली चिंगारियों से भी आगजनी की घटना होती है। यदि इन मशीनों में फायर एक्सटिंग्विशर मशीन उपलब्ध होगी तो आग लगने के प्रारंभिक स्तर पर ही उसे नियंत्रित किया जा सकता है। इन मशीनों के चालकों के लिए फायर एक्सटिंग्विशर मशीन का प्रयोग करने के संबंध में विशेष प्रशिक्षण सत्र का भी आयोजन किया जाएगा।
जिलाधिकारी ने फायर ब्रिगेड को अलर्ट रहने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि कुछ ही दिनों में गेहूं की फसल की कटाई प्रारंभ हो जाएगी जनपद के विभिन्न स्थानों स्थलों पर वाटर फीलिंग पॉइंट्स चिन्हित कर लिया जाए।


जिलाधिकारी ने इसी क्रम में बताया है कि गर्मी के दिनों में जब तेज पछुआ हवा चलती है तो हमारे गांवों में आगलगी की घटनाएं होती हैं। फलतः हमारे घर, खेत, खलिहान एवं जान-माल को आगलगी से भारी क्षति पहुँचती है। अग्निकांड से बचाव हेतु उपाय के संबंध में उन्होने बताया है कि रसोई घर यदि फूस का हो तो उसकी दीवाल पर मिट्टी का लेप अवश्य लगा दें। रसोई घर की ऊँची रखी जाये। आग बुझाने के लिए घर में बोरे में भरकर बालू अथवा मिट्टी तथा दो बाल्टी पानी अवश्य रखें। शार्ट सर्किट की आग से बचने के लिए बिजली वायरिंग की समय पर मरम्मत करा ले। मवेशियों को आग से बचाने के लिए मवेशी घर के पास पर्याप्त मात्रा में पानी का इंतजाम रखें एवं उनकी निगरानी अवश्य करते हैं। पटाखे जलाते समय पानी की बाल्टी तथा रेत की पर्याप्त व्यवस्था रखें। ग्रामीण क्षेत्रों मे हरा गेहूं, छीमी भी बच्चे भुनते हैं। ऐसे में आग लगने से बचने के लिए उनपर निगरानी रखें। आग लगने पर सर्वप्रथम समुदाय के सहयोग से आग बुझाने का प्रयास करें। आवश्यकता होने पर आग बुझाने हेतु फायर बिग्रेड (101 नम्बर) एवं प्रशासन को तुरंत सूचित करे एवं उन्हें सहयोग करें। अगर कपड़ों में आग लगे तो जमीन पर लेटकर/लुढ़क कर बुझाने का प्रयास करें। बिजली के लूज तारों से निकली चिनगारी भी आग लगने का कारण बन जाती है।


दीपक (दीया), लालटेन, मोमबत्ती को ऐसी जगहों पर न रखें जहाँ से गिरकर आग लगने की संभावना हो। कटनी के बाद खेत में छोड़ डंठलों में आग नहीं लगायें। घर में किसी भी उत्सव के लिए लगाये कनात अथवा टेन्ट के नीचे से बिजली के तार को न ले जाये। जहाँ पर सामूहिक भोजन बनाने इत्यादि का कार्य हो रहा हो, वहाँ पर दो से तीन ड्रम पानी अवश्य रखें। भोजन बनाने का कार्य तेज हवा के समय नहीं करे। जलती हई माचिस की तीली अथवा अधजली बीडी एवं सिगरेट पीकर इधर-उधर न फेकें। खाना बनाते समय डीले-ढाले और पॉलिस्टर के कपड़े पहनकर खाना न बनायें। हमेशा सूती कपड़ा पहनकर ही खाना बनाये। सार्वजनिक स्थलों, ट्रेनों एवं बसों आदि में ज्वलनशील पदार्थ लेकर न चले।
बैठक में पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा, एडीएम वित्त एवं राजस्व नागेंद्र कुमार सिंह, सीआरओ रजनीश राय, एसडीएम संजीव उपाध्याय एसडीएम ध्रुव कुमार शुक्ला, एसडीएम अरुण कुमार, एसडीएम गजेंद्र सिंह, तहसीलदार आनंद नायक, ईओ रोहित सिंह सहित विभिन्न अधिकारी मौजूद थे।

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