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देवरिया टाइम्स।

फाइलेरिया और कालाजार बीमारी से बचाव व जनजागरूकता के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गौरीबाजार में मेडिकल ऑफिसर, सीएचओ, और लैब टेक्नीशियन को शुक्रवार को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में 48 प्रतिभागियों को कालाजार और फाइलेरिया की जाँच, इलाज और रोग प्रबंधन के बारे में जानकारी दी गई।

प्रशिक्षण के दौरान प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ बीएन गिरी ने कहा कि सीएचओ को फाइलेरिया और कालाजार के नये मरीजों को खोजने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। फाइलेरिया मच्छर जनित रोग है। यह मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसके संक्रमण से लिम्फोडिमा (हाथ, पैरों और स्तन में सूजन) और हाइड्रोसील (अंडकोषों में सूजन) होता है। यह न सिर्फ व्यक्ति को दिव्यांग बना देती है बल्कि इसकी वजह से मरीज की मानसिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। प्रारंभिक लक्षण दिखते ही अगर डॉक्टर की सलाह मानी जाए और रोग प्रबन्धन किया जाए तो बीमारी को बढ़ने से रोक सकते हैं। इसके अलावा नाइट ब्लड सर्वे में भी लोगों के ब्लड का सैंपल लेकर फाइलेरिया संक्रमण का पता किया जाता है।
डॉ गिरी ने बताया कि फाइलेरिया के परजीवी माइक्रो फाइलेरिया रात में ही सक्रिय होते हैं। फाइलेरिया प्रभावित अंगों की साफ-सफाई और व्यायाम नियमित रूप से करना जरूरी है। फाइलेरिया मरीज सहायता समूह नेटवर्क के सदस्य समुदाय को जागरूक कर फाइलेरिया से जुड़े मिथक व भ्रांतियों को दूर करे करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
इस मौके पर पाथ संस्था के प्रतिनिधि डॉ नीरज किशोर पांडेय ने फाइलेरिया प्रभावित अंगों के रुग्णता प्रबंधन और अच्छी तरह से साफ-सफाई के बारे में जानकारी दी । उन्होंने कहा कि वेक्टर जनित सभी रोगों में अमूमन रोगियों में बुखार के लक्षण दिखते है। उन्होंने कहा कि अगर किसी को 15 दिनों से अधिक बुखार आये तो उसकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जाँच अवश्य कराएं, क्योंकि बुखार का ऐसा रोगी कालाजार का संभावित मरीज भी हो सकता है । कालाजार बालू मक्खी के काटने से होता है। इसमें दो हफ्ते से ज्यादा बुखार, तिल्ली का बढ़ना, वजन और भूख में कमी और खून में कमी लक्षण दिखते हैं। फाइलेरिया व कालाजार जैसी गंभीर बीमारी से बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें।

इस मौके पर पाथ संस्था के जिला समन्यवक देशदीपक, सीफार के ब्लाक कोआर्डिनेटर केशव, सुनीता, गुड़िया नरसिंग, अनूप गुप्ता, और दुर्गेश कुमार राय प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।

कालाजार और फाइलेरिया के बारे मिली जानकारी

हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर की सीएचओ सपना राय (28) ने बताया कि प्रशिक्षण में कालाजार और फाइलेरिया के कारण और बचाव के बारे में जानकारी दी गई। बताया गया कि घर के आस- पास व अंदर साफ-सफाई रखे, पानी जमा न होने दें और समय-समय पर रुके हुए पानी में कीटनाशक, जला हुआ मोबिल व डीजल का छिड़काव करते रहें। इसके साथ ही संभावित मरीजों को समुदायक स्वास्थ्य केंद्र भेजकर जाकर जाँच करवाने के लिए कहा गया। यह संदेश जन जन तक पहुंचाना है।

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