उत्तर प्रदेश मे कानून व्यवस्था ध्वस्त – विजय रावत

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Deoria News देवरिया टाइम्स
आज समाजवादी पार्टी बरहज विधानसभा के कार्य करता ओ द्वारा कानपुर में ब्राम्हण परिवार को जिनदा जलाए जाने के विरोध मे व दोषियों पर कार्य वाही की माग को लेकर बारादिक्षित। चौराहे पर प्रदर्शन हुआ इस दौरान सपा नेता विजय रावत ने कानपुर देहात में मां-बेटी की जलकर हुई मौत की घटना को मानवता के लिए शर्मसार करने वाला बताते हुए कहा कि उतर प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चिज नही हैं आम आदमी का उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था से विश्वास उठता जा रहा अब कानून सरकार के दबाव में काम कर रही हैं सरकार के कोरे आश्वासनों से पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिलेगा। भाजपा सरकार को इस कांड में जिलाधिकारी तथा एसपी को भी आरोपित करना चाहिए। पीड़ित परिवार को 50 लाख रूपये तथा दो सरकारी नौकरी के नियुक्ति पत्र भी संवेदना प्रकट करते समय दिए जाने चाहिए।


श्री रावत ने कहा कि इस अमानवीय घटना में लेखपाल, गरीब ड्राइवर और पुलिस के छोटे कर्मचारियों को एफआईआर में नामित किया गया है। क्या बुलडोजर चालक स्वयं कुछ कर सकता है? वहां एसडीएम और दूसरे अधिकारी थे जिनके सामने अमानवीय कृत्य हुआ। भाजपा का बुलडोजर गरीबों के लिए काल बन गया है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता विरोधी दल श्री अखिलेश यादव ने 14 फरवरी को कानपुर देहात की नृशंस घटना की जानकारी एवं पीड़ित परिजनों से भेंट करने के लिए समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमण्डल भेजा था जिसमें सर्वश्री अमिताभ बाजपेयी, विनोद चतुर्वेदी, प्रदीप यादव, मोहम्मद हसन रूमी सभी विधायकगण एवं राम प्रकाश कुशवाहा तथा कमलेश दिवाकर पूर्व विधायक, इत्यादि लोग शामिल थे। लेकिन लज्जा की बात तो यह है कि जब समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल घटना की जांच करने और पीड़ित परिवार से संवेदना जताने जा रहा था उसे कई जगह रोका गया। कई विधायकों को रोका गया तो वे सब धरने पर विरोध में बैठ गए। प्रशासन घटना को छुपाने में लगा है।


लोकतांत्रिक देश में संविधान राजस्व संहिता है। परिवार न्याय के लिए तीन बार डीएम के यहां गया। दूसरे अधिकारियों से गुहार लगाई। बेटे ने धरना दिया तो उसके विरूद्ध हिस्ट्रीशीट खुलवाने की धमकी दी गई। राजस्व संहिता के अनुसार गांव समाज की जमीन पर कब्जे की स्थिति में पहले नोटिस दी जाती है, दूसरे पक्ष को भी सुना जाना है। पर यहां तो परिवार के अंदर रहते हुए भी उनकी झोपड़ी में आग लगाए जाने का आरोप है। मां-बेटी उसमें जलकर मर गई। बेटी एलएलबी की पढ़ाई कर रही थी।


छात्र सभा निववरतमान जिलाध्यक्ष मनोज यादव ने कहा कि कानपुर देहात की तरह और भी घटनाएं घट चुकी है। थोड़े दिन पहले बलवंत सिंह की कानपुर पुलिस हिरासत में मौत हुई। कन्नौज में अरुण शाक्य की हत्या की गई। बाराबंकी में तीरथ पाल की बुलडोजर कार्रवाई के दौरान सदमे से मौत। ललितपुर में एक दलित युवक मारा गया। रायबरेली में रोहित पासी को मजदूरी मांगने पर मारा गया। गाजियाबाद में ऑटो ड्राइवर की पुलिस पिटाई से मौत हुई।लेकिन सरकार कुछ नहीं कर रही हैं।इस दौरान मुल्य रूप से अमित प्रधान, अनिल दिक्षित, सुनील दिक्षित, राकेश दिक्षित, सुधीर शर्मा, विकास यादव, विपिन सिंह, अनिल शर्मा, सजिव यादव, इत्यादि लोग उपस्थित थे।

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