Deoria News देवरिया टाइम्स। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने आईजीआरएस संदर्भ के निस्तारण में डिफाल्टर प्रकरणों का उत्तरदायित्व तय करते हुए एलडीएम, प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक सदर, एडीओ पंचायत, तहसीलदार व 05 बीडीओ सहित नौ अधिकारियों के फरवरी माह के वेतन आहरण पर रोक लगा दिया है। उन्होंने कहा कि जन सुनवायी पोर्टल पर प्राप्त विभिन्न सम्वर्गीय जन शिकायतों का निस्तारण ससमय न किये जाने के कारण उनके डिफाल्टर हो जाने की स्थिति से उपस्थित होकर वस्तुस्थिति से अवगत कराने हेतु निर्देशित किया गया था, जो उक्त निर्देश के बावजूद उपस्थित नही हुए। आईजीआरएस संदर्भों का निस्तारण शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता का विषय है।
इसमें लापरवाही किसी भी कीमत पर क्षम्य नहीं है।
जिलाधिकारी ने कहा कि जनसुनवाई पोर्टल पर प्राप्त माननीय मुख्यमंत्री जी संदर्भ, सीएम हेल्पलाइन, ऑनलाइन सन्दर्भ, मंडलायुक्त संदर्भ, पीजी पोर्टल भारत सरकार एवं संपूर्ण समाधान दिवस तथा जिलाधिकारी जन सुनावाई में प्राप्त शिकायतों के निस्तारण समीक्षा में यह तथ्य सामने आया कि उक्त अधिकारियों द्वारा बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद जन समस्याओं के निस्तारण में लापरवाही बरती जा रही है। प्रत्येक कार्य दिवसों पर अनवरत रुप से संबंधित विभागों के उत्तरदायी अधिकारीगण को जन सुनवायी पोर्टल पर प्राप्त एवं डिफाल्टर हुए सन्दर्भो के त्वरित निस्तारण हेतु निर्देशित किया जा रहा है। इसके बावजूद संबंधित विभागों के अधिकारीगण द्वारा न तो ससमय लम्बित/डिफाल्टर सन्दर्भो का निस्तारण किया गया और न ही उपस्थित होकर वस्तुस्थिति से अवगत ही कराया गया है, जो घोर अनुशासनहीनता एवं निर्देशों की अवहेलना का परिचायक है, जिसके कारण जनपद की रैकिंग भी प्रभावित हो रही है।
उन्होंने बताया कि खण्ड विकास अधिकारी रुद्रपुर का 01, भलुअनी का 03, रामपुर कारखाना का 02, सलेमपुर का 02, व रुद्रपुर का 01 तथा एडीओ पंचायत रुद्रपुर का 01, प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक सदर का 04, तहसीलदार का 01 एवं एलडीएम का 01 संदर्भ डिफॉल्टर की श्रेणी में आ चुका है। जिलाधिकारी ने इन सभी के फरवरी माह के वेतन को अग्रिम आदेश तक बाधित कर दिया है। डीएम ने समस्त अधिकारियों को चेताते हुए कहा कि जनसुनवाई से जुड़े प्रकरण का निस्तारण संबद्धता एवं गुणवत्ता के साथ करें। इसमें कोताही मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।