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Deoria News: देवरिया टाइम्स।
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने आईजीआरएस संदर्भ के निस्तारण में डिफाल्टर प्रकरणों का उत्तरदायित्व तय करते हुए बीएसए, दो तहसीलदार व तीन खंड विकास अधिकारी सहित 11 अधिकारियों के दिसंबर माह के वेतन आहरण पर रोक लगा दिया है। उन्होंने कहा कि आईजीआरएस संदर्भों का निस्तारण शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता का विषय है। इसमें लापरवाही किसी भी कीमत पर क्षम्य नहीं है।

जिलाधिकारी ने कहा कि जनसुनवाई पोर्टल पर प्राप्त माननीय मुख्यमंत्री जी संदर्भ, सीएम हेल्पलाइन, ऑनलाइन सन्दर्भ, मंडलायुक्त संदर्भ, पीजी पोर्टल भारत सरकार एवं संपूर्ण समाधान दिवस तथा जिलाधिकारी जन सुनावाई में प्राप्त शिकायतों के निस्तारण समीक्षा में यह तथ्य सामने आया कि 11 अधिकारियों द्वारा बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद जन समस्याओं के निस्तारण में लापरवाही बरती जा रही है।

उन्होंने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधीक्षक का एक, तहसीलदार सलेमपुर के नौ, खंड विकास अधिकारी देवरिया का एक, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका गौरा बरहज का एक, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी सलेमपुर का दो, एडीओ पंचायत का एक, खंड विकास अधिकारी तरकुलवा का एक, खंड विकास अधिकारी रामपुर कारखाना का एक, तहसीलदार भाटपार रानी का एक, बेसिक शिक्षा अधिकारी का एक एवं एडीओ पंचायत का एक संदर्भ डिफॉल्टर की श्रेणी में आ चुका है। जिलाधिकारी ने इन सभी के दिसंबर माह के वेतन को अग्रिम आदेश तक बाधित कर दिया है। डीएम ने समस्त अधिकारियों को चेताते हुए कहा कि जनसुनवाई से जुड़े प्रकरण का निस्तारण संबद्धता एवं गुणवत्ता के साथ करें। इसमें कोताही मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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