पढ़े लिखे लोगो को चिंता करने वाले थे सुधाकर मणि

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देवरिया
नागरी प्रचारिणी सभा, देवरिया में पं सुधाकर मणि त्रिपाठी की स्मृति में आयोजित एक कार्यक्रम में अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए डां अभय कुमार द्विवेदी ने कहा कि सुधाकर मणि सौम्य पढ़े लिखे लोगो को चिंता करने वाले लोगो में थे। आगे अपनी राय व्यक्त करते हुए श्रीमती दुर्गा पाण्डेय ने कहा


मनुष्य आता हैं,चला जाता हैं जीवित रहती हैं उसके कार्य सुधाकर जी कर्मनिष्ठ व्यक्ति थे।पुनश्च सभा के पूर्व मंत्री इन्द्र कुमार दीक्षित ने कहा
सुधाकर जी बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे वे योग्यता को , प्रखरता से पहचान लेते थे और ऐसे लोगो को सभा मे जोड़ने का कार्य करते थे। प्रखर समाज सेवी नित्यानंद पाण्डेय ने कहा कि पण्डित सुधाकर जी निर्मल हृदय के व्यक्ति थे उनकी स्मृतियां आज खलती हैं।इस अवसर पर उपस्थित दयाशंकर कुशवाहा ने अपनी कविता कवि उड़ जाता पिंजड़े का पंक्षी जाता हैं किस देश ना भेजे सन्देशके माध्यम से पुष्पांजलि दी। मणि जी नागरी अनिल कुमार त्रिपाठी ने कहा प्रचारिणी सभा को स्थानीय से हटाकर राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुचाने का कार्य किये । कवि योगेन्द्र तिवारी योगी ने अपनी रचना तेरी यादें जगा रही मुझको तेरी यादें सुला रही मुझको तेरी यादें रुला रही मुझको –


जबसे वे सभा के मंत्री चुने गए सभा के सदस्य विजय प्रसाद ने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा चौबीसों घण्टे उनके दिलों दिमाग मे नागरी प्रचारिणीके उत्थान की बात थी। आगे सभा कार्यसमिति के सदस्य डां दिवाकर प्रसाद तिवारी ने कहादेवता किसी को अमर नही करता परन्तु कवि रचनाकार किसी को भी अमर बना सकता हैं।मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित पूर्व सदर विधायक डां सत्य प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि


सुधाकर जी हमारे बड़े भाई थे त्रिपाठी जी पत्रकार थे वे लोगो। को नागरी प्रचारिणी सभा मे लोगो को जोड़ने का कार्य करते थे ये सबसे बड़ी उपलब्धि हैं । विधायक श्री सुधाकर मणि त्रिपाठी के सम्बन्ध में अपनी स्मृति को साझा करते हुए डां अशोक दीक्षित ने कहा कि मुझसे उनका भाई चारे का सम्बन्ध था। वे एक अच्छे वक्ता थे, विषय पर अच्छी पकड़ थी,ह्रदय में आत्मीयता थी।बरहज से पधारे रमेश तिवारी अनजान ने अपनी कविता के माध्यम से श्रद्धा सुमन अर्पित किया। आगे नित्यानंद आनन्द ने जहां भी जैसे रहब हमार याद आयी कविता के माध्यम से श्री सुधाकर मणि त्रिपाठी जी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।आद्या प्रसाद शुक्ल त्रिपाठी जी के बारे में कहा कि उनमें मैंने स्वाभिमान को चरितार्थ होते हुए देखा है।। सभा के अध्यक्ष आचार्य परमेश्वर जोशी ने कहा कि सुधाकर मणि हमारे गुरु भाई थे। सुधाकर जी जुझारू रुप से काम करने वाले थे सभा की जिस तरह से उन्होंने सेवा के वह हमेशा याद किया जाएगा।
इस अवसर पर अधिवक्ता बृजेश बृजेन्द्र मिश्र,सतीश पति त्रिपाठी, रमेश चंद्र त्रिपाठी,पाण्डेय, छेदी प्रसाद गुप्त, पार्वती देवी,कौशल किशोर मणि,लालता प्रसाद चौधरी, नवनीत अग्रवाल, दिवाकर मणि त्रिपाठी,डां अजय मिश्रा,दुर्गा धर द्विवेदी, रघुपति त्रिपाठी, संदीप द्विवेदी, आदि गणमान्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संयोजक श्वेतांक करण त्रिपाठी, सिद्धार्थ मणि त्रिपाठी, ने किया। संचालन कवि सरोज कुमार पांडेय ने किया। सम्पूर्ण आयोजन में सभा के मंत्री डाॅ अनिल कुमार ने अपनी महती भूमिका निभाई।


सभा के मंत्री डाॅ अनिल कुमार त्रिपाठी ने कहा कि मेरी उनसे मुलाकात तो नहीं हुई लेकिन आप लोगों की बातें सुनकर महसूस हो रहा है कि वे एक ही महान व्यक्तित्व थे मैं उन जैसा बनने की कोशिश अवश्य कोशिश करुंगा। अंत में डांस अजय मिश्रा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। राष्ट्र गान के साथ समारोह समाप्त हुआ।

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