जीव को जीव से प्रेम करना सिखाता है, श्रीकृष्ण अवतार: पाराशर

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देवरिया टाइम्स.

महर्षि देवरहा बाबा आश्रम पर भागवत कथा का पांचवा दिन मईल,देवरिया: महर्षि देवरहा बाबा आश्रम मईल में चल रहे
श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन की कथा में कथावाचक डॉ. श्याम सुंदर पाराशर ने श्रीकृष्ण जन्म की कथा का मार्मिक वर्णन किया। कथा में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया। नन्द के घर आनन्द भयो जय कन्हैया लाल के भजनों पर महिलाएं नाचने लगीं। जन्मोत्सव की भव्य झांकी देखकर सभी श्रद्धाल भाव विभोर हो गए।


पराशर महराज ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का अवतार जीव को जीव से प्रेम करना सिखाता है। कृष्ण ने कई लीलाओं के माध्यम से लोगो को संदेश दिए है। इन लीलाओं सार समझने वाला व्यक्ति सदैव जीवन में सुखी रहता है।
उन्होंने कहा कि जीवन में जो तय किया है या जो लक्ष्य निर्धारित किया है, उसे प्राप्त करने के लिए आवश्यक है, अपने आप में आत्मविश्वास । आत्म विश्वास वीरता का सार है। सफलता के लिए जरूरी है कि अपने आप पर मान करना, अभिमान करना, विश्वास और लगन के साथ जुटे रहना। यदि तुममें विश्वास है, तब प्रत्येक कार्य में तुम्हें सफलता मिलेगी। फिर तुम्हारे सामने कैसी भी बाधाएं क्यों न हों, वह स्वयं दूर हो जाएगी।


भाद्र मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को श्रीकृष्ण का जन्म होते ही देवकी वासुदेव के हाथ पैर की बेड़ियां खुल गईं। कारागार के द्वार पर सुरक्षा में लगे द्वारपाल गहरी नींद में सो गए। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के समय श्रोताओं ने बेनी, टॉफी और मिठाइयां लुटाईं। वहीं महिलाओं ने सोहर गाकर खूब बधाइयां लूटीं। । कथा के आयोजक राजेश सिंह दयाल ने आरती की।
इस मौक़े पर देवसिया, सलेमपुर, भागलपुर यहाँ तक कि देवरिया एवं आस पास के जनपदों से श्रद्धालुओं की भीड़ कथा परिसर में रही जिसे देख कथावाचक श्री श्यामसुन्दर पराशर जी ने छेत्र के हर वर्ग एवं आयु के व्यक्ति में भक्तिरस देख उसकी प्रशंसा की ।

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