देवरिया टाइम्स। जिलाधिकारी अखण्ड प्रताप सिंह ने बताया है कि बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा सीवियर एक्यूट मालन्यूट्रीशन (SAM) एवं मॉडरेट एक्यूट मालन्यूट्रीशन (MAM) से ग्रसित बच्चों के चिन्हांकन उपचार सन्दर्भ एवं सामुदायिक स्तर पर उनके प्रबन्धन के साथ-साथ कुपोषण की रोकथाम हेतु सामुदायिक व्यवहार में परिवर्तन लाने के लिए वर्ष 2021 से नवाचार के रूप सम्भव ( SAMbhav) अभियान का आयोजन किया जा रहा है। इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग एवं बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की सक्रिय सहभागिता रहती है। विगत दो वर्ष में सम्भव अभियान से प्राप्त सकारात्मक परिणाम एवं सफलता के आधार पर वर्ष 2023 में भी सम्भव अभियान का तृतीय चरण (SAMbhav 3.0) जून से सितम्बर 2023 के मध्य आयोजित किया जाना है। इस अभियान की मुख्य थीम कुपोषित (सैम मैम, गम्भीर अल्प वजन वाले बच्चों के चिन्हांकन सन्दर्भन, उपचार, प्रबंधन एवं फालोअप है।
जिलाधिकारी ने अभियान के दौरान की जाने वाली माहवार गतिविधियों का विवरण में बताया है कि जून में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्र पर पंजीकृत सभी बच्चों का लम्बाई / ऊंचाई ली जायेगी और पोषण ट्रैकर पर फीड किया जायेगा। इस महीने में चलाये जा रहे एक कदम सुपोषण के ओर अभियान के तहत वजन किये गए बच्चों में से जो बच्चे सैम मैम तथा गंभीर अन्य वजन के होगे, उन्हें उपचार, प्रबन्धन हेतु VHSND सत्र पर सन्दर्भित किया जायेगा एवं ई-कवव पर पंजीकृत कराया जाएगा। सभी चिन्हित कुपोषित सैम मैम तथा गंभीर अल्प वजन वाले बच्चों को समय अभियान में सम्मिलित किया जायेगा। इस दौरान एक कदम सुपोषण के और अभियान एवं समय अभियान के राहत गुणवत्तापरक प्रसवपूर्व देखभाल, मातृ पोषण एवं छह माह से कम उम्र के शिशु के पोषण पर विशेष ध्यान दिया जायेगा।
जुलाई 2023 में जून महीने में चिन्हित शत प्रतिशत सैम मैंम तथा गंभीर अल्प वजन बच्चों का स्वास्थ्य जांच के लिए जुलाई माह में निर्धारित VHSND सब पर लाया जायेगा और उनको चिकित्सीय जांय / सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेगी एवं ई-कवच पर पंजीकरण सुनिश्चित किया जाएगा। चिन्हित कुपोषित बच्चों की समुदाय आधारित फालोअप जारी रहेगा। अगस्त 2023 पंजीकृत बच्चों का फॉलोअप और चिकित्सीय जांच VHSND सत्र पर की जायेगी और उनको वजन में वृद्धि / कमी के अनुसार उनको परामर्श दिया जायेगा। सितम्बर 2023- सभी पंजीकृत बच्चों का पुनः वजन किया जायेगा व पोषण ट्रैकर व ई-कवच पर अद्यतन भी किया जायेगा तथा बच्चों के पोषण तर के परिवर्तन को आकलन किया जायेगा। अक्टूबर 2022 में आई०सी०डी विभाग द्वारा बाहरी एजेन्सी (Development Partners) आदि के माध्यम से अभियान के दौरान की गयी गतिविधियों का मूल्यांकन कराया जायेगा।दिसंबर 2023 में उन बच्चों का (जून महीने में चिन्हित एवं सभव अभियान में सम्मिलित) पुनः वजन लिया जायेगा और उनके पोषण की स्थिति में परिवर्तन आकलन किया जाएगा। सम्भव अभियान 2023 के दौरान की जाने वाली नवीन गतिविधि इस अभियान के दौरान पोषण 500 के रूप में एक नवीन गतिविधि आयोजित किया जाना है, जिसमें गर्भावस्था से लेकर शिशु के जन्म के प्रथम 06 माह (500 दिन) शिशु के पोषण एवं स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। प्रथम 06 माह तक 30 प्रतिशत बच्चों में दुबलापन / पतलापन होने की सम्भावना अधिक रहती है. यही बच्चे आगे चलकर कुपोषण का शिकार हो जाते है। यदि कोई गर्भवती/धात्री महिला कुपोषण से ग्रसित है तो बच्चे में भी कुपोषण कि सम्भावना बनी रहती है। शिशु कुपोषण मुक्त रहे, इसके लिए शुरूआती पहचान जरूरी होती है। इस उद्देश्य को सफल बनाने के लिए सम्भव अभियान 2023 के नवीन गतिविधियों के रूप में पोषण 500 को सम्मिलित किया गया है।
गर्भावस्था के दौरान पहली तिमाही के गर्भवती महिला आंगनवाडी कार्यकत्री वजन और ऊंचाई मापेंगी, अगर वजन 45 किलोग्राम से कम है और ऊंचाई 145 सेमी से कम है,उस स्थिति में गर्भवती महिला कुपोषित चिन्हित की जायेगी। यदि उस महिला के एमसीपी कार्ड में हिमोग्लोबीन 11 ग्राम % से कम है तो वे एनीमिक होती है। इस स्थिति में भी गर्भवती महिला ‘कुपोषित’ होगी। इस स्थिति में महिला कुपोषित होगी। वजन / ऊचाई और या एनीमिया के मानदंड के आधार पर कुपोषित गर्भवती महिलाओं की एकसूची तैयार की जाएगी और संभव अभियान के बाद भी मासिक फालो आप की जाएगी।
दूसरी व तीसरी तिमाही के गर्भवती महिला- दूसरी व तीसरी तिमाही के गर्भवती महिलाओं का मासिक वजन का माप एवं अपेक्षित वजन वृद्धि का आकलन किया जायेगा अपेक्षित वजन वृद्धि से कम होने की स्थिति में उपयुक्त पोषण परामर्श ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता पोषण दिवस (VHSND) शत्र पर जांच की सलाह एवं मासिक फालो आप किया जायेगा | “पांच का पंच” स्वास्थ्य एवं पोषण सम्बन्धी परामर्श कम से कम चार बार ए०एन०सी० जांच का परामर्श किया जायेगा। गर्भावस्था के दौरान आहार में विविधता एवं तिमाही के अनुसार भोजन की मात्रा एवं अनुपूरक पोषाहार (टेक होम सशन) का सेवन आयरन एवं कैल्शियम गोली के सेवन गर्भावस्था के दौरान मासिक वजन निगरानी एवं पोषण सम्बन्धित परामर्श दिया जायेगा।संस्थागत प्रसव एवं नवजात शिशु को जन्म के पहले घण्टे में स्तनपान प्रारम्भ करना गंभीर वजन वाले बच्चों की माताओं/ अभिभावकों को आहार सम्बन्धी परामर्श 06 माह से कम आयु के बच्चे के लिए- आंगनवाड़ी कार्यकर्ती एवं आशा द्वारा जन्म के समय कम वजन वाले (2.5 किग्रा से कम) बच्चों का विवरण सूचीबद्ध करना एवं आपस में साझा करके गृह भेंट सुनिश्चित किया जाएगा। जन्म के समय कम वजन वाले 2.5 किग्रा से कम) बच्चों का विवरण प्रभारी चिकित्साधिकारी द्वारा संबंधित बाल विकास परियोजना अधिकारी उपलब्ध करायी जाएगी।
चिन्हित समय से पूर्व जन्मे (Pre&term) एवं जन्म के समय कम वजन वाले ( 2.5 किग्रा से कम) बच्चों (Low Birth Weight) पर विशेष ध्यान दिया जाना जैसे कंगारू मदर केयर, स्तनपान तकनीक जुड़ाव एवं लगाव, वृद्धि निगरानी सम्बन्धी परामर्श दिया जायेगा। अधिक से अधिक बच्चों का वजन व लम्बाई का माप, पोषण स्तर का आकलन एवं उपयुक्त पोषण परामर्श प्रदान किया जाएगा।06 माह से छोटे चिन्हित कुपोषित बच्चों का लाईन लिस्टिंग एवं फालो आप की योजना, आंगनवाडी कार्यकत्रियों द्वारा 08 माह से कम आयु के बच्चों का आयु अनुसार वजन को एम०सी०पी० कार्ड के पेज नं० 24-27 में अंकित किया जाना एवं अभिभावक को परामर्श देना । 06 माह से कम अतिगम्भीर कुपोषण से ग्रसित शिशु (SAM) जिन्हें चिकित्सीय जटिलता है. उन्हें एन०आर०सी० में संदर्भित करवाया जायेगा।
संभव अभियान के दौरान जागरूकता गतिवधियों का आयोजन के विवरण में उन्होंने बताया है कि जुलाई माह में पोषण पंचायत का आयोजन में ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता समिति के सदस्यों तथा समुदाय के चयनित लोगों को आमंत्रित करते हुये उन्हें पोषण देखभाल, साफ-सफाई सम्बन्धी व्यवहार तथा कुपोषण के कारकों पर चर्चा की जायेगी। बैठक में ग्राम प्रधान व समिति के सदस्यों के साथ-साथ व स्कूल के शिक्षक / शिक्षिका, आशा व ए०एन०एम० को भी आमंत्रित किया जा सकता है। बैठक में कुपोषण विषय पर बच्चों की सीखने की क्षमता स्वास्थ्य पर प्रभाव आदि विषयों पर चर्चा की जायेगी। पोषण सम्बन्धी जागरूकता हेतु यूनीसेफ द्वारा निर्मित 03 एनीमेटेड वीडियो का प्रचार-प्रसार कराया जायेगा । अगस्त माह में पोषण चौपाल का आयोजन होगा । इस चौपाल में कुपोषित बच्चों के माता पिता को बुलाते हुये उनसे संसाधनों की आवश्यकता के बारे में पूछा जायेगा यथा पोषण वाटिका, शौचालय, पशुपालन, राशन कार्ड जॉब कार्ड आदि पर चर्चा की जायेगी। विभिन्न कन्वर्जेन्स विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर यथासमय आवश्यक सेवाएं / सहायता प्रदान की जायेगी। सितम्बर माह में सुपोषण दिवस का पोषण उत्सव के रूप में आयोजन आंगनवाडी कार्यकत्री द्वारा लाभार्थियों को पोषाहार वितरण के समय आंगनवाडी केन्द्र पर ग्राम प्रधान के साथ मिलकर अपने गांव में सभी जन्म के समय कम वजन, सैम व गंभीर अल्पवजन बच्चों, कुपोषित बच्चों के परिवारों विशेषकर पिता के साथ पोषण उत्सव मनाया जायेगा। बच्चों के पोषण को उनके स्वास्थ्य व शिक्षा से जोड़ो हुये बच्चों के अभिभावकों को विशेष रूप से शिक्षित किया जाएगा।मासिक थीम आधारित गृह भ्रमण जैसे जुलाई माह में सभी गर्भवती महिलाओं व 0-6 माह के बच्चों के घर आशा के साथ संयुक्त रूप से भ्रमण किया जायेगा तथा माह के विभिन्न साप्ताहिक थीम जैसे प्रसव पूर्व जाँच, सही समय पर भोजन की मात्रा एवं विविधिता, परिवार नियोजन एवं साफ सफाई व स्वच्छता आदि पर चर्चा की जायेगी। इसी प्रकार अगस्त माह में 6 माह से 2 वर्ष के बच्चों के घर आंगनवाडी कार्यकत्री द्वारा भ्रमण किया जायेगा तथा उनके स्वास्थ्य स्तर की जानकारी ऊपरी आहार व स्तनपान संबंधी जानकारी, पोषाण स्तर का आकलन करते हुये आवश्यकतानुसार परामर्श दिया जायेगा। पोषण फोरम संभव अभियान के दौरान जिलावार सी०एस०आर, गैर सरकारी संगठनों और अन्य संगठनों जो पोषण संबंधित गतिविधियां जैसे बाल किशोरी और महिला पोषण आंगनवाड़ी का सौंदर्यीकरण पोषण वाटिकाओं के निर्माण आदि में निवेश करने के इच्छुक हैं उन को संगठनों का सूचीबद्ध कराया जा सकता है संभव अभियान के पश्चात जिलाधिकारी अथवा मुख्य विकास अधिकारी के नेतृत्व में उन चिन्हित संगठनों को गांव, ब्लॉक और जिला स्तर पर पोषण संबंधित गतिविधिया में शामिल किया जायेगा।