पैतृक गांव में टूटीं दलीय सीमाएं आज होगा अंतिम संस्कार
बरहज। पूर्व मंत्री प्रेमप्रकाश सिंह का शव शनिवार को रामजानकी मार्ग के रास्ते उनके पैतृक गांव पैना लाया गया। वहां उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। जगह-जगह लोगों ने श्रद्धांजलि दी।
पैना गांव निवासी और पूर्व मंत्री प्रेमप्रकाश सिंह का शुक्रवार को उत्तराखंड में निधन हो गया। उनका शव शाम को गांव लाया गया। रास्ते में सोनूघाट, गड़ेर, भलुअनी, करुअना, बरहज में समर्थकों और अन्य दलों के लोगों ने पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
रास्ते में पार्थिव शरीर के साथ चल रहे समर्थक नारा लगाते हुए चल रहे थे। शव दरवाजे पर पहुंचने पर स्थानीय सहित आसपास के गांवों के लोगों के अलावा सभी राजनीतिक संगठन और सामाजिक कार्यकर्ताओं की भीड़ उमड़ पड़ी। हर कोई उनका अंतिम दर्शन करना चाह रहा था।
श्रद्धांजलि देते हुए लोग उनके पुत्रों जयवर्द्धन सिंह, शक्तिवर्द्धन सिंह और शिववर्द्धन सिंह को ढांढस बंधा रहे थे। रविवार को स्थानीय शहीद स्मारक स्थित सरयू तट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
इस मौके पर सांसद कमलेश पासवान, ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि निखिल सिंह, उमाशंकर सिंह, संजय सिंह, मुरली मनोहर जायसवाल, अंतरराष्ट्रीय पहलवान, केशव सिंह, जयप्रकाश सिंह, शनिराज सिंह, जितेंद्र सिंह, वीरेंद्र गुप्त, अमरेंद्र गुप्त, प्रधान संघ अध्यक्ष राजेश यादव, रविप्रताप सिंह, अब्दुल खालिक, राजन गुप्त, कुश भगत, मुन्ना वर्मा, रतन सोनकर, अनिल सिंह, अक्षयबर पांडेय, भोलू सिंह, रवींद्र प्रताप सिंह, दयानंद, अंगद सिंह, राजेश यादव, समरनाथ यादव आदि मौजूद रहे।