Deoria News:देवरिया टाइम्स
जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी अखण्ड प्रताप सिंह ने निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान उड़न दस्तों, स्थैतिक निगरानी दलों अथवा पुलिस द्वारा जब्त की गयी नकदी/बहुमूल्य वस्तुओं के परिप्रेक्ष्य में आम जनता तथा सही व्यक्तियों को असुविधा से बचाने के लिए तथा उनकी शिकायतों, यदि कोई हो, का निवारण करने के लिए त्रिस्तरीय समिति गठित की है।
समिति, पुलिस अथवा स्थैतिक निगरानी दल या उड़न दस्ते द्वारा की गई जब्ती के प्रत्येक मामले की अपनी ओर से जांच करेगी तथा जहां समिति यह पाती है कि मानक प्रचालन प्रक्रिया के अनुसार जब्ती के संबंध में कोई प्राथमिकी/शिकायत दर्ज नहीं की गई है या जहां जब्ती किसी अभ्यर्थी या राजनीतिक दल या किसी निर्वाचन अभियान इत्यादि से जुड़ी हुई नहीं है, तो वह ऐसे व्यक्तियों को जिनसे नकदी जब्त की गई थी, को ऐसी नकदी रिलीज करने के बारे में इस आशय का एक स्पीकिंग आदेश जारी करने के पश्चात रिलीज आदेश जारी करने के लिए तत्काल कदम उठाएगी। समिति सभी मामलों का अवलोकन करेगी तथा जब्ती पर निर्णय लेगी।
व्यय अनुवीक्षण के नोडल अधिकारी द्वारा नकदी रिलीज करने के संबंध में सभी प्रकार की सूचना का एक रजिस्टर में रख-रखाव किया जाएगा। यह रजिस्टर क्रमांकित और तिथिवार होगा तथा इसमें अवरूद्ध / जब्त नकदी की राशि और संबंधित व्यक्ति (यो) को छोड़ दिये जाने की तारीख का विवरण होगा। यदि रिलीज की गई नकदी 10 लाख रुपए से अधिक है, तो रिलीज किए जाने से पहले आयकर के नोडल अधिकारी को सूचित किया जाएगा। किसी भी परिस्थिति में, जब्त की गई नकदी/ जब्त की गई बहुमूल्य वस्तुओं से संबंधित मामले, मालखाना या कोषागार में मतदान की तारीख के पश्चात् 7 दिनों से अनधिक समय के लिए तब तक लंबित नहीं रखे जाएंगे जब तक कि कोई प्राथमिकी / शिकायत न दर्ज की गई हो।
गठित त्रिस्तरीय समिति में परियोजना निदेशक डीआरडीए अनिल कुमार, वरिष्ठ कोषाधिकारी/नोडल आफिसर, निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण(संयोजक) अतुल कुमार पाण्डेय एवं अतिरिक्त उप जिलाधिकारी देवरिया मंजूर अहमद को नामित किया गया है।