Deoria News:देवरिया टाइम्स
फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले में संक्रमण की स्थिति का पता लगाया जाएगा । इसके लिए नाइट ब्लड सर्वे कराने की तैयारी है। इसी कड़ी में सीएमओ कार्यालय के धनवंतरि सभागार में सीएमओ डॉ राजेश झा की अध्यक्षता में प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के लैब टेक्नीशियनों टेक्नीशियंस को प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान उन्हें फाइलोरिया बीमारी, इसके कारक तथा प्रभाव, और परजीवी के जीवन चक्र आदि पूरी जानकारी दी गई। उन्हें रक्त का नमूना लेने और रक्त पट्टिका बनाने
के टिप्स भी दिये गये ।
इस मौके पर सीएमओ डॉ राजेश झा ने कहा कि एक अप्रैल से जिले में नाइट ब्लड सर्वे की शुरुआत होगी । सर्वे में लोगों के रक्त के नमूने लिए जाएंगे और फाइलेरिया परजीवी की मौजूदगी का पता लगाया जाएगा। जिले के शहरी क्षेत्र सहित सभी ब्लॉक में दो-दो साइट्स बनाये जायेंगे। रक्त के नमूने रात्रि के 8:30 बजे से रात्रि के 12 बजे के बीच लिए जाएंगे। नाइट ब्लड सर्वे के लिए प्रशिक्षित लैब टेक्नीशियन की सहायता से 20 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के रक्त के नमूनों की जांच की जानी है।
एसीएमओ वेक्टर बार्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम डॉ संजय गुप्ता ने कहा फाइलेरिया एक ऐसी बीमारी है जिसके संक्रमण के बाद लक्षण दिखने में पांच से पंद्रह साल भी लग सकते हैं। समय से पहचान कर प्रबन्धन करने से हाथीपांव (फाइलेरिया) को नियंत्रित किया जा सकता है।
इस मौके पर पाथ संस्था के प्रोग्राम मैनेजर डॉ नीरज पांडेय ने कहा कि फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर दूषित पानी में पनपते हैं। जब यह मच्छर किसी फाइलेरिया ग्रसित व्यक्ति को काटने के बाद स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो इसके परजीवी खून के जरिए उसके शरीर में प्रवेश कर उसे भी फाइलेरिया संक्रमित कर देते हैं। शरीर के जिस भी अंग में फाइलेरिया है, उसकी नियमित साफ-सफाई बेहद जरूरी है।
कार्यशाला में डीएमओ सीपी मिश्रा, सहायक मलेरिया अधिकारी सुधाकर मणि, सीफार संस्था के जिला समन्वयक दीपनारायण पांडेय, और पाथ संस्था के जिला समन्यवक देशदीपक सहित
प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।
2022 में मिले थे पांच फाइलेरिया के मरीज
डीएमओ सीपी मिश्रा ने बताया कि इससे पहले वर्ष 2022 में हए नाईट ब्लड सर्वे में चार हजार लोंगो की जाँच की गई थी। शहरी क्षेत्र में पांच नये फाइलेरिया मरीज इसी सर्वे के दौरान ही मिले थे।