देवरिया टाइम्स।
जिला प्रशासन के प्रयासों से परिषदीय विद्यालयों की तस्वीर बदलने लगी है। स्मार्ट क्लास, स्वच्छ पेयजल, बालक एवं बालिकाओं के लिए सेपरेट यूरिनल सुविधा, चाहरदीवारी से सुरक्षित परिषदीय विद्यालय बच्चों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। स्मार्ट क्लास युक्त परिषदीय विद्यालयों में अपने बच्चों का दाखिला कराने के लिए अभिभावकों में अच्छा-खासा उत्साह नजर आ रहा है।
सीडीओ रवींद्र कुमार ने बताया कि जिला प्रशासन की विशेष पहल पर वर्तमान समय में 113 परिषदीय विद्यालय स्मार्ट विद्यालयों में तब्दील हो चुके हैं। इन विद्यालयों में स्मार्ट टीवी, प्रोजेक्टर, इनवर्टर, बैटरी आदि उपलब्ध कराए गए हैं, जिनके माध्यम से क्यूआर कोड आधारित दीक्षा एप के द्वारा कक्षा एक से आठ तक का सिलेबस रुचिपरक कार्टून एवं वीडियो के माध्यम से विद्यार्थियों को पढ़ाया जा रहा है। सीडीओ ने बताया कि विद्यालयों को स्मार्ट बनाने में स्वयंसेवी संस्थाओं, जनसहयोग एवं सीएसआर फंड की बड़ी भूमिका रही है।
साथ ही कई प्रशासनिक अधिकारियों ने भी गोद लिए हुए विभिन्न परिषदीय विद्यालयों को स्मार्ट क्लास युक्त विद्यालयों में बदला है, जिसमें जिलाधिकारी द्वारा गोद लिया गया इंदुपुर स्थित संविलियन विद्यालय एवं सीडीओ द्वारा गोद लिया गया प्राथमिक विद्यालय रुच्चापार उल्लेखनीय है। इन दोनों विद्यालयों में बच्चों के खेलने के लिए झूले, पोषण वाटिका, सोलर लाइट, आरओ एवं सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था की गई है।
स्मार्ट क्लास युक्त प्राथमिक विद्यालय रुच्चापार के प्रधानाध्यापक नित्यानन्द चौबे ने बताया कि विद्यालय में स्मार्ट क्लास के माध्यम से बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है। इसकी वजह से विद्यार्थियों की नियमित उपस्थिति बढ़ी है और शिक्षा की गुणवत्ता भी सुधरी है। विद्यालय में स्मार्ट क्लास होने की वजह से इस वर्ष गत वर्ष की तुलना में कहीं अधिक अभिभावक अपने बच्चों का एडमिशन कराने के लिए आ रहे हैं। इस वर्ष विद्यालय में 146 एडमिशन हो चुके हैं, जबकि गतवर्ष 109 विद्यार्थी नामांकित थे। नामांकन के लिए अभी भी आवेदन आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि कई अभिभावकों ने निजी स्कूलों से अपने बच्चों का नाम कटवाकर परिषदीय विद्यालय में दर्ज कराया है। कमोबेश ऐसी ही स्थिति समस्त स्मार्ट क्लास युक्त परिषदीय विद्यालयों की है।
सीडीओ रवींद्र कुमार ने बताया कि परिषदीय विद्यालयों को आधुनिक बनाने के लिए नियमित समीक्षा एवं निगरानी की जा रही है। ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम से विद्यालयों में बड़े पैमाने पर ढांचागत सुधार किए गए हैं। समस्त 2,185 परिषदीय विद्यालयों को स्वच्छ पेयजल व्यवस्था से आच्छादित किया जा चुका हैं। 99 प्रतिशत विद्यालय अलग-अलग बालक एवं बालिका शौचालयों से युक्त हैं। 83 प्रतिशत विद्यालयों में चहारदीवारी का निर्माण किया जा चुका है। राज्य सरकार की योजनाओं के अंतर्गत नामांकित विद्यार्थियों को निःशुल्क ड्रेस, जूता-मोजा, बैग स्टेशनरी एवं स्वेटर आदि खरीदने के लिए डीबीटी के माध्यम से सीधे खाते में पैसा उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक परिषदीय विद्यालयों को स्मार्ट क्लासों से युक्त बनाने के लिए अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने जनपदवासियों से परिषदीय विद्यालयों को स्मार्ट बनाने में सहयोग करने के लिए भी अनुरोध किया।