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Deoria News देवरिया टाइम्स। शनिवार को डब्लू०डी०सी० पी०एम०के०एस०वाई-2.0 योजनान्तर्गत एक दिवसीय जनपद स्तरीय अभिमुखीकरण प्रशिक्षण / कार्यशाला जिलाधिकारी महोदय की अध्यक्षता में गांधी सभागार, विकास भवन में किया गया।

जिसमें मुख्य अतिथि सासंद देवरिया डॉ रमापतिराम त्रिपाठी रहे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की दूरदर्शिता का परिणाम है। इससे बंजर, उसर, परती एवं अनुपयोगी भूमि को उपजाऊ बनाया जाएगा, जिससे उत्पादकता में वृद्धि होगी।

किसानों की मेहनत और सरकार की किसान हितैषी नीति का ही परिणाम है कि 80 करोड़ देशवासियों को निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए जागरूक करना चाहिए। सदर सांसद ने मोटे अनाज एवं प्राकृतिक खेती के महत्व पर भी संक्षिप्त प्रकाश डाला।

जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि योजना के अंतर्गत तरकुलवा, देसही देवरिया एवं पथरदेवा ब्लाक के 65 गांवों में कुल 4700 हेक्टेयर भूमि को चिन्हित किया गया है। इन गांवों में भूमि सुधार के साथ-साथ कृषकों को विभिन्न तरह के रोजगार परक गतिविधियों से भी जोड़ा जाएगा। जिलाधिकारी ने बताया कि योजना आगामी 05 वर्षों हेतु चयनित क्षेत्र में समग्र विकास हेतु ग्रामीण स्तर पर विभिन्न समूहों, यूजर ग्रुप एवं एफपीओ के माध्यम से प्राकृतिक संसाधनो के संरक्षण के साथ-साथ विभिन्न आजिविका सम्वर्धन के कार्य कराये जाने हेतु प्रस्तावित हैं। इस योजना में किसान मजदूर भूमिहीन एवं उद्यमी सहित सभी स्टेक होल्डर्स के उत्थान के लिए कार्य किया जायेगा।

मुख्य विकास अधिकारी रवींद्र कुमार ने कहा कि सभी विभागों के योग्य कार्मिकों की टीम बनाकर धरातल पर वृहद संरक्षण कराते हुए योजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित करें।

भूमि संरक्षण अधिकारी घनश्याम वर्मा ने योजना के विषय में किसानों को विस्तार पूर्वक बताया। डा० संतोष चतुर्वेदी, प्रभारी कृषि ज्ञान केन्द्र, देवरिया ने बताया कि विकास से प्रबन्धन की तरफ इस योजना को ले जाने से ही इसका प्रयोजन सफल रहेगा तथा इस योजना को मूर्त रूप देने के लिए किसान भाइयों के साथ मिलकर धरातल पर कार्य करने पर ही उत्पादन में वृद्धि होगी व किसान भाइयों की आजीविका में भी सुधार होगा।

रजनीश श्रीवास्तव, प्रभारी कृषि विज्ञान केन्द्र, मल्हना ने कार्यशाला में बताया कि ग्राम का बेस लाईन सर्वे होना चाहिए। जिला उद्यान अधिकारी आरएस यादव ने मधुमक्खी पालन के विषय में जानकारी दी।मुख्य पशु चिकित्साधिकारी अरविंद कुमार वैश्य ने बताया कि गाय के दूध के साथ-साथ गाय के गोबर एवं गोमूत्र की उपयोगिता के बारे में बताया। इससे किसान भाई जैविक खाद बनाकर अपने खेतों में छिड़काव कर फसलों में लागत को कम सकते हैं। प्रशिक्षण सत्र में एलडीएम अरुणेश कुमार, जिला मत्स्य विकास अधिकारी नन्द किशोर सहित विभिन्न अधिकारी एवं बड़ी संख्या में प्रगतिशील किसान उपस्थित थे।

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